कर्मयोग क्या है कर्मयोग किसे कहते हैं श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार कर्म योग का महत्व क्या है

समझना है तो कुछ प्रिंसिपल है कर्मयोग का कुछ कहानी है कर्मयोग को समझने के लिए कुछ प्रोसेस है और कर्मयोग को समझने के लिए पूरा 7 अध्याय गीता वह हर एक श्लोक श्रीमद्भागवत गीता जी का हर 17 अध्याय का श्लोक एक-एक करके जब तक क्लीयरली नहीं समझते हो तब तक कर्मयोग के बारे में कितना भी कहानी बता दो कर्मयोग के बारे में कितना भी बेसिक नॉलेज दे दिया जाए इतना भी थे सिस्टी बता दिया जाए कर्मयोग नहीं कर पाता श्रीमद्भागवत गीता जी ने कर्म करने के लिए सर्वाधिक आवश्यकता है खुद को कर्म में झुकना

कर्म करने पड़ेंगे जो कर्म आपको गुरु आदेश अनुसार आ रहे हैं या जो कर्म आपके सामने आ रहा है अरे कर्म को एक तो ऐसे कर्म कर रहे हो दूसरा यह कि श्रीमद्भागवत गीता जी के डायमंड सन में कर रहे हो कृष्णा के डायमेंशन में कर रहे हो वही कर रहे हो कर्म में कोई परिवर्तन नहीं है लेकिन कार्मिक डायमेंशन में चेंज ऐसा रहा है आपके जो दृष्टिकोण है कर्म के प्रति वहां परिवर्तन करने का बाद श्रीमद्भागवत गीता गीता में श्रीकृष्ण भगवान बार-बार बता रे अब आपका प्रश्न है

कर्म है यू कर्मयोग में आता है और कौन सा कर्म है जो कर्मयोग में नहीं आता है यह बड़ा प्रश्न है बताओ कि कौन कौन सा कर्म है कौन-कौन सा कर्मयोग नहीं है हमारे महाराज अपना कुछ काम है जो कर्मयोग में नहीं आता और कुछ काम है जो कर्म योग में आता

अब तुम कुछ नहीं कर सकते इसमें कि कोई भी करमना छोटा होता है ना कोई कर्म बड़ा होता है और यहां कर्म योग के जो टेक्निकल कहानियां माला है इसके अंदर अगर प्रवेश करोगे तो यहां अमीर और गरीब कर्म को भी कर्मयोग में उदाहरण लेता हूं कह रहे हैं अर्जुन कुमार

नियम को तोड़ रहे हैं कृष्ण भगवान महाभारत युद्ध में युद्ध फाइनल हुआ था कि जो रथ के नीचे है अस्त्र दिन है उसको नहीं मारना लेकिन करने को बोलते

किसी भी क्षेत्र में राम भगवान जिसको हम बोलते हैं पुरुषोत्तम ब्रह्म स्वरूप श्री राम बाली और सुग्रीव के चक्कर में जानते हो चुपके बेटा मारा सामने दिया ही नहीं और उसको दे दिया 3 दिन दिया पीछे से एक ही बार में खड़ा कर दिया बताओ

देवास तुम्हारे हिसाब में क्या गलियां में इतना पाप फुल भेजना फुल पूजा करना कर्मियों और बलि देना पाप तुम्हारा विचार है तुम बकरा बलि नहीं दे सकते हो और कृष्ण भगवान जानते हो जो महाभारत का युद्ध का जो

कर्मयोग बना हरियाणा के कुरुक्षेत्र अर्जुन और कृष्ण भगवान दोनों दोस्त थे पार्क में घूम रहे थे ढूंढे कहां पर आएंगे तब देखा कि हरियाणा के हरियाणवी औरतों का पानी भाग रहा था और पानी रोकने के लिए हर प्रकार का प्रयास करती है खेत को बचाने के लिए अपना बेटा को लेकर

देख रहा हूं कि मां अपना बेटा को मिट्टी में गाड़ दे रही है अपनी जमीन का खेत का पानी को बचाने के लिए कृष्ण भगवान हंसने लगे ढूंढने के लिए हम लोग निकलेंगे

कर्मा कर्मा इस महान विज्ञान को समझना बहुत सरल भी है और बहुत कठिन भी है मैं उसको 1 शब्दों में बोल दूं तो आप सबको लिए हानिकारक हो जाएगा मैं उसको एक सूत्र में क्लेरिफाई करते-करते आकार में जब समझेंगे तो इस विषय को समझ पाएंगे और जब तक इसको नहीं समझ पाए तब तक वेदांत के क्षेत्र में प्रवेश कर्मयोगी नहीं समझा और शिक्षा में घुस रहे हो क्या है कौन सा कहानी है किस का विषय है कौन सा सूत्र है जिसके लिए कर्मयोग हमें नहीं होंगे उसको

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