गुरु बृहस्पति का कुंडली में खराब होना विवाह में समस्या और द्वितीय विवाह में कुछ फायदा मिलता है क्या

गुरु बृहस्पति का कुंडली में खराब होना विवाह में समस्या और द्वितीय विवाह में कुछ फायदा मिलता है क्या कुंडली में गुरु बृहस्पति जो पीड़ित हैं प्रथम शादी करने से जिस प्रकार का दुख कष्ट पीड़ा मिलता है वित्तीय सर्दी में भी उसी प्रकार का दुख कष्ट पीड़ा मिल तेरा मिलना देखा गया है बहुत सारे लोग यह सोचते हैं कि पहला बीवी पहला पति पहला पत्नी खराब पड़ी खराब पड़ा लेकिन दूसरा साइड अच्छा पड़ेगा इस आशा आकांक्षा इच्छा में दूसरा शादी कर लेते हैं लेकिन हालत ज्यों का त्यों रहता है क्यों रहता है ऐसा

गुरु बृहस्पति का कुंडली में खराब होना विवाह में समस्या और द्वितीय विवाह में कुछ फायदा मिलता है क्या यह सच बात है कि पहला व शादी की कुंडली के सप्तम स्थान से देखे जाते हैं लेकिन द्वितीय विवाह कुंडली के नवम स्थान से देखे जाते हैं ठीक है सप्तम अधिपति पीड़ित था इसलिए पहला शादी में दुख मिला लेकिन नगमा अधिपति अगर वह भी पीड़ित है तो दो-तीन शादी में भी कष्ट मिलेगा लेकिन अब वह भी ठीक-ठाक है लेकिन विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति अगर पीड़ित हो तब उसके जीवन में पहला शादी में से भी ज्यादा दुख दुतीय शादी में मिल जाता है

गुरु बृहस्पति का कुंडली में खराब होना विवाह में समस्या और द्वितीय विवाह में कुछ फायदा मिलता है क्या साधारण तो हम सब यही सोचते हैं कि अगर पति-पत्नी का दांपत्य जीवन टूट गया है या अच्छा नहीं चल रहा है तो इसका दोष किसी 11 का है यानी पत्नी अगर दोष देने लगे तो पति का दोस्त है सच कहा जाए तो पत्नी की कुंडली में बृहस्पति नीच का या पार्क पड़ी थी आप आप ग्रसित या कम डिग्री में या मृत प्राय अवध पराया बालिका अवस्था में होने से या नीच ग्रह नीच पाप ग्रहों की दृष्टि में होने से इस प्रकार का समस्या दिखाया जाता है इसलिए एक करो दो करो 3:00 करो दिखाई तो देता है कि शायद सुख है लेकिन उसके अंदर दुखी रहते हैं

गुरु बृहस्पति का कुंडली में खराब होना विवाह में समस्या और द्वितीय विवाह में कुछ फायदा मिलता है क्या पति परिवर्तन या पत्नी परिवर्तन नहीं करके अपने ग्रहों को शांति करना और बृहस्पति को बल देना और बृहस्पति को कुंडली में कैसे बल मिले बृहस्पति जगह कुपित है तो कैसे अच्छा फल देख सके उसके लिए आवश्यक कुंडलियों को विश्लेषण करके रेमेडी करके अपने पति या पत्नी को सही मार्ग पर लाने का कोशिश करना चाहिए ना की शादी का बंधन तोड़ के तीसरा शादी चौथा शादी कर ले क्योंकि शादी का संपर्क जन्म-जन्म का साथ रहता है सात जन्म का साथ रहता है इस जन्म में पत्नी छोड़ दिया तो अगला जन्म में पति छोड़ देगा इसलिए बृहस्पति का ठीक करना ही उत्तम समाधान है

गुरु बृहस्पति का कुंडली में खराब होना विवाह में समस्या और द्वितीय विवाह में कुछ फायदा मिलता है क्या बृहस्पति को ठीक करने का कई सारे उपाय हैं लेकिन यहां पर मैं सबको खुलकर इसलिए नहीं कह रहा हूं कि हर एक कुंडली के बृहस्पति के बिना बिना परिस्थितियां रहते हैं उन परिस्थिति के अनुसार कुंडली का विश्लेषण करने के उपरांत ही हमें यह निर्णय करना होता है कि बृहस्पति को बल देने के लिए या उत्तम फल लेने के लिए या विवाह जीवन को बचाने के लिए क्या करना चाहिए

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