गुरु बृहस्पति का मेष राशि में कैसा परिणाम होता है कुंडली में गुरु बृहस्पति मेष राशि में हो तो क्या परिणाम मिल सकता है

गुरु बृहस्पति सर्वाधिक शुभ मुहूर्त जहां भावना से कागज लगते हैं यहां पर गुरुदेव सर्वाधिक अच्छा नहीं भूल सकते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन गुरु बृहस्पति का अर्थ क्या हुआ ब्राह्मण रस्पति बड़े ज्ञानी जिन से ज्ञान प्राप्त होता है वह सब माने जाते हैं बृहस्पति शास्त्र में चंद्रमा के बाद सबसे बड़ा ग्रह माने गए बृहस्पति का महत्व ज्योतिष शास्त्र में बहुत मायने रखता है बिना बृहस्पति का कुंडली बहुत खराब परिणाम देता है रस्पति शुभ होने से व्यक्ति के जीवन में सब कुछ होता है शुभ ग्रह बृहस्पति का दृष्टि में अमृत रहता है जितने भी ब्राह्मण गुरु ज्ञान प्रदाता आध्यात्मिक व्यक्ति साधु संत सन्यासी सबको गुरु के अंतर्गत आते हैं

गुरु बृहस्पति धन का कारक संतान का कारक शिक्षा का कारक ज्ञान का कारक भाग्य का कारक महिलाओं की कुंडली में पति का कारक होता है विवाह का कारक होता है और संतान इत्यादि का भी कारक गुरु बृहस्पति होते हैं गुरु बृहस्पति धन का भी कारक होते हैं ज्ञान का भी कारक होते हैं और गुरु बृहस्पति सर्वाधिक विषय का कारक बनते हैं कुंडली में और सभी चीजों का कंट्रोल करने वाला शरीर में लीवर मीठा गन्ना शुगर का कंट्रोल करने वाला गुरु बृहस्पति ग्रह होता है हमारे जीवन के जो भी अच्छी आदत हैं अच्छे विचार हैं सदाचार हैं भद्रथा है सभी प्रकार के जीवन के अच्छे अपन शरीर में पेट चर्बी शरीर का चर्बी यह सारा गुरु बृहस्पति के कंट्रोल में आता है लीवर स्प्लीन लिंफेटिक सिस्टम यह सारा गुरु बृहस्पति के अंतर्गत आते हैं अंडर में आते हैं कार्यकर्ताओं में आते हैं

मेष राशि माने क्या मेष राशि माने क्या है काल पुरुष कुंडली का प्रथम स्थान और मंगल का घर और एक नंबर काल पुरुष कुंडली का घर जहां अग्नि तत्व का राशि पुरुष कारक राशि मेष राशि और पहला भाग होता है मेष राशि मंगल इसका स्वामी ग्रह होता है मंगल का मूलत्रिकोण स्थान अग्नि तत्व का राशि होता है और यह क्रोध अहंकार आदेश आक्रोश इच्छाशक्ति जिद्दी त्याग जिद्दी पराक्रम शक्ति सहज युद्ध मारपीट केवल स्पोर्ट्स रक्षा सेवाएं जितने भी होते हैं किसी भी चीज का सुरक्षा रक्षा करना बचाना लड़ना लड़ाई करना स्टेमिना ताकत कैपेसिटी बल आत्मविश्वास नेतृत्व लेने का कैपेसिटी विज्ञान प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग यह सारा है मेष राशि

मेष राशि में बृहस्पति का परिणाम बृहस्पति यंत्र राशि है मंगल बृहस्पति का मित्र ग्रह है और यहां रस्पति के लिए कोई शत्रुता विषय नहीं है इसलिए अच्छा ही निकाल देते हैं व्यक्ति के अंदर पुरुष कुशाग्र बुद्धि स्मरणशक्ती अच्छा ज्ञान बृहस्पति और बुध हमारे कुंडली में ज्ञान और बुद्धि का कारक होते हैं मेष राशि हमारे प्रेम सर दिमाग लगना पर्सनालिटी व्यक्तित्व को बताने वाला मेष राशि एक नंबर भागवत राशि हमारे ब्रेन को कंट्रोल करने वाला चीज है और यहां पर गुरु बृहस्पति आप लोगों का बुद्धि भरे स्वर दिमाग को बढ़ाना अच्छा मेमोरी पावर अच्छा स्मरण शक्ति अच्छे तत्कालिक बुद्धि प्रदान का कारक बनता है बृहस्पति ज्ञान का कारक है बृहस्पति से ज्ञान दिखा जाता है मेष राशि मंगल का एक लॉजिकल प्रैक्टिकल कार्मिक कर्म का स्थान रस्पति यहां व्यक्ति ज्ञानसेकर कर्म और ज्ञान का मिश्रण यहां पर होता है वास्तविक ज्ञान का उपयोग कर्म के लिए करता है यहां पर भाषण बल आर्टिकल विलेज नहीं होता आध्यात्मिक प्रैक्टिकल ज्ञान यहां पर होता है बृहस्पति मेष राशि में आना आध्यात्मिक ज्ञान के साथ कार में ज्ञान का भी फल यहां पर मिलता है हर एक विषय पर व्यक्ति ज्ञानी होता है इस कुंडली में भी मेष राशि में बृहस्पति हो तो व्यक्ति जीवन में वास्तविक ज्ञान को प्राप्त होता है

मेष राशि में गुरु बृहस्पति होने से व्यक्ति के अंदर कार्य में वास्तविक ज्ञान रहता है और बुद्ध का ज्ञान अता को उपयोग करके कर्म करता है उसके अंदर जीवन में हर ज्ञान को कर्म में रूपांतरण करने के लिए व्यक्ति के अंदर प्रवृत्ति आता है यहां ज्ञान का सहज उपयोग अपने जीवन पर ज्ञान का उपयोग करना होता है हमारे जीवन का मोरा ज्ञान आध्यात्मिक ज्ञान नैतिकता सदाचार आदर और हमारे अंदर भद्रथा सरलता प्रदान करने में गुरु बृहस्पति मेष राशि में रहने से मिलता है जो बृहस्पति मेष राशि में होते हैं तो 100 भाग के अंदर हमारे अंदर अच्छा अभद्रता आइडियल प्रिंसिपल आदर्श बागरी व्यक्तित्व देता है और अपने आदर्शों को जीवन में उपयोग और प्रकार में लगाता है अपना कल्याण करता है अपनी जीवन के हर आईडिया और प्रेस वालों का सदुपयोग करता है जीवन में विश्वास रहता है आत्मविश्वास रहता है और इतना जल्दी व्यक्ति हारता नहीं है हर जगह में सफल पाने के लिए कर्म सफल करने के लिए प्रयास करता है

बृहस्पति मेष राशि में रहते हुए अगर मंगल कहीं से पीड़ित हो रहा हो तभी बृहस्पति हां अच्छा फंदे नहीं पाते हैं उस समय थोड़ा सा समस्या जरूर रहता है बृहस्पति नेतृत्व का भी ग्रह है और मेष राशि भी नेतृत्व का स्थान है तो यहां नेतृत्व का प्राप्ति होना एक नेतृत्व क्षमता व्यक्ति के अंदर रहता है जुझारू बनता है ज्ञान के प्रयोग से अपने जीवन में आगे बढ़ता है और राजनीतिक क्षेत्र में नेतृत्व क्षेत्र में सफलता बनता है हारता जल्दी नहीं फेल नहीं होता और सफल होने के लिए प्रयास प्रयास करता है जीवन का लक्ष्य ऐसे व्यक्तियों के अंदर रहता है और जीवन में हर कुछ हासिल करने का पूरा प्रयास करते रहता है त्याग तपस्या का मनोवृति भी इसके अंदर आता है ज्ञान और नैतिक मूल्य इनके जीवन में प्रचुर मात्रा में रहता है मेष राशि माने मोटिवेशन और लड़ने का राशि होता है अगर मंगल खराब हो तो मेष राशि में रहने वाला गुरु बृहस्पति थोड़ा अच्छा फल दे नहीं पाते हैं तोतला तोतला ज्ञान हो जाता है कर्म और पराक्रम कम हो जाता है

मेष राशि में गुरु बृहस्पति अगर रहे किसी भी कुंडली में तो व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है आत्मविश्वास आशावादी मानसिकता इसके अंदर रहता है जिसके कुंडली में मेष राशि में गुरु बृहस्पति हो तो व्यक्तित्व में एक विश्वास भक्त रता नैतिकता रहता है अगर कुंडली में अच्छे लोग बढ़िया बनते हैं आध्यात्मिक योग बनते हैं तो फिर मेष राशि का बृहस्पति व्यक्ति हमेशा self-improvement आत्मा विकास आत्मा उन्नति कराने के लिए प्रयास करता है और इनके जिंदगी में गलती कम रहते हैं और अच्छाई ज्यादा रहता है अपनी गलतियों को स्वीकार करना और गलतियों से सीखने का मनोवृति इनके अंदर रहता है बृहस्पति और मंगल अगर दोनों कुंडली में अच्छे हैं और मेष राशि में गुरु बृहस्पति बैठा हो और चंद्रमा अगर अच्छी स्थिति में हो तो बृहस्पति यहां पर राग जोग जैसे ही फल देता है व्यक्ति अपनी कमजोरी को दूर करके एक उत्तम प्रयास करके सफल होता है और ज्ञान के माध्यम से ध्यान के माध्यम से अध्यात्म के माध्यम से प्रबल इच्छाशक्ति के माध्यम से अपने जीवन के दुर्गुणों को कम करना अच्छा करना और अपने ज्ञान का सदुपयोग करने का काम करता है

मेष राशि में गुरु बृहस्पति अगर हो किसी भी कुंडली में तो व्यक्ति सभी निगम के ज्ञानी को पानी के साथ-साथ अपने जीवन में उतारने का काम भी करता है लेकिन मंगल मजबूत होना चाहिए भाग आधारित काल बाबा श्री पान के आधार पर गुरु बृहस्पति तभी अच्छा फल देगा जो मंगल अच्छा होगा लेकिन मंगल अगर नहीं चुकाया पीड़ित का यह मृत अवस्था में हो तो बृहस्पति यहां बहुत अच्छा फोन दे नहीं सकता है यह लोग जनरल अगर मंगल अच्छा हो तो दूसरे के लिए प्रेरणा देना मोटिवेशन देने का भी काम यह व्यक्ति लोग करते हैं यानी निर्भर करता है मंगल का फल अच्छा होना चाहिए

मेष राशि का बृहस्पति का घर हो और मंगल भी अच्छा अवस्था में हो तो व्यक्ति अपने को सुधार करने में ज्यादा काम करता है और अपनी गलतियों को दोहराता नहीं है दोहराने के काम नहीं करता अपने शरीर और स्वस्थ और मन को अच्छा करता है क्योंकि काल पुरुष कुंडली का यह सर्व है और वहां बृहस्पति अच्छा बुद्धि का प्रदान करते हैं अपनी कमजोरियों से बाहर निकलने का भी प्रयास करता है

मेष राशि में गुरु बृहस्पति होने से लोग दूसरे को प्रेरणा देने वाला दूसरे का मार्गदर्शक होने वाला दूसरे लोग उनको पूछते हैं फिर काम करते हैं दूसरे को सद्बुद्धि देना दूसरे को ज्ञान देना और अपने भी ज्ञान को अपने जीवन में प्रयोग करना मेष राशि का बृहस्पति जिस भी कुंडली में है इस प्रकार का शुद्ध परिणाम प्रदान करता है और इनका इंद्रियों को कंट्रोल में आता है अपने इंद्रियों का बस में रखने का क्यों था रखते हैं

दिल्ली की बस पति मेष राशि में हो और मंगल दुर्बल हो तो ऐसा व्यक्ति अपने इंद्रियों को कंट्रोल नहीं कर पाने के कारण कई प्रकार के रोग इत्यादि में भी पड़ सकता है यह नेगेटिव फल भी होता है आत्म प्रकृति में कमी हो जाता है अगर मंगल अच्छा नहीं है और कुंडली में दूसरा ग्रह अभी पूरा फल दे रहे हो तो समस्या कर सकता है

मेष राशि में गुरु बृहस्पति हो तो व्यक्ति के अंदर आध्यात्मिक उन्नति आध्यात्मिक ग्रुप की ईश्वर प्राप्ति के गौरव जाना भगवत प्राप्ति के तरफ जाना वेद वेदांत ज्ञान पाठ इत्यादि के प्रति अभिव्यक्ति और रुचि रहता है और अपने को ग्रहों को सन्यासी जैसे ही जीता है और जीवन में भद्रथा मुक्ति अध्यात्म की ओर चलता है

बृहस्पति मेष राशि में होने से व्यक्ति के अंदर अत्यंत बल बुद्धि ज्ञान इस प्रकार के विषय में इनका उन्नति होता है कम बोलते हैं ज्यादा काम करते हैं और करो को ज्ञान पूर्वक करते हैं और उनको जो भी व्यक्ति खराब बोले उनको भी प्रेम करने वाला और उसको माफ कर देने वाला भी होता है यानी पराक्रम जोक के ज्ञान होने के कारण अपने पराक्रम के विश्वास करते हैं और ज्ञान के माध्यम से पराक्रम को कंट्रोल में लाते हैं

मेष राशि में बृहस्पति होने से व्यक्ति टीचर रहना और चीन और अच्छी शिक्षा अच्छे विचार बनते हैं और साइड में भी इनका उन्नति होता है शिक्षक होने में यह लोग का कैरियर बन सकता है मेष राशि में बृहस्पति होने से मेडिकल क्षेत्र में औषधि केंद्र में भव्य डॉक्टर बनने का भी संभावना रहता है कृषि क्षेत्र में और से रिचार्ज करने वाला शोध करने वाला ज्ञान देने वाला व्यक्ति बन सकता है बहुत सर्वोच्च आरक्षण नौकरी अच्छे मार्शल आर्टिस्ट अच्छी फाइटर अच्छे योगी अच्छे अघोर साधक तंत्र साधक मंत्र साधना यंत्र साधक भी बनते हुए उस राशि का बृहस्पति कुंडली में हो तो दिखाई देता है मोक्ष और मुक्ति के और भी जाने वाला व्यक्ति होता है मेष राशि का बृहस्पति इसकी कुंडली में हो

बृहस्पति मेष राशि में इसी का कुंडली में अगर हो तो व्यक्ति अच्छे योद्धा अच्छे फाइटर अच्छे मार्शल आर्टिस्ट अच्छे कराटे कुंग फू टाई कंडोम करने वाला मार्शल आर्ट करने वाला व्यक्ति बनता है ज्ञान की अंदर उसके जीवन पर एक अच्छा हर क्षेत्र में सफल मुद्दा पीछे नहीं हटने वाला विधि पूर्वक जीवन के समस्याओं को समाधान करने वाला बनता है इसीलिए मेष राशि में गुरु बृहस्पति को बहुत शुभदा के साथ माना गया है

बृहस्पति मेष राशि में हो और मंगल सीरियल पीड़ित होते हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत खराब परिणाम भी यहां पर बृहस्पति दे सकता है व्यक्ति के अंदर काम ना बनाएं बढ़ सकते हैं मन के ऊपर कंट्रोल नहीं रहेगा बहुत प्रकार के बुरे लगते हैं उसके जीवन पर हो सकते हैं स्वभाव में और आक्रोश पूर्ण आगे को अधर इयत्ता अधीर यही नेता जैसे समस्या और दूसरे के बाद में आ जाना दूसरे के प्रभाव में आ जाना और अपने अंदर निर्णय लेने का कमी हो जाना और ग्रीन दिमाग की समस्या जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं हो सकते हैं बॉडी बदले में नहीं हो सकता है और बृहस्पति यहां मेष राशि में हो और मंगल पीड़ित हो रहा हो तो क्यों बस पति भी पीड़ित जैसे ही फल देता है बहुत अच्छा फल देने का कार्य में नहीं रह पाता है फिजिकल डेवलपमेंट मेंटल डेवलपमेंट नहीं हो पाता है कंपलेक्स में कमी होता है और इच्छाशक्ति नहीं रहता दुर्बलता मानसिक दुर्बलता इत्यादि रहता है अगर यहां पर बृहस्पति को सपोर्ट कहीं से नहीं मिल रहा हो तो अपने आप को सुधार नहीं सकता है किसी भी एडिक्शन में चला जाता है और इसमें अपना को सुधारने के बजाए बजाए अपने आप को बिगाड़ने में लगाता है आत्मज्ञान उसको खुद के लिए भारी पड़ता है किसी भी चीज को जानने सीखने का छात्रवृत्ति नहीं रहेगा और उसके साथ वह जीवन में ज्ञान को उतारने का भी काम नहीं कर सकता है आध्यात्मिक ज्ञान वैसे भी कमी रहता है

गुरु बृहस्पति मेष राशि में हूं किसी का कुंडली में और मंगल का न्यूज़ हो रहा हो या पीड़ित हो रहा हो तो ऐसा व्यक्ति की औरत ज्ञानी नहीं हो सकता दूर ज्ञानी होता है दूसरे का भला करने का लायक नहीं रहता है यानी गुरु बृहस्पति को अच्छा फल देने के लिए गुरु बृहस्पति और मंगल दोनों को अच्छा होना और चंद्रमा का सपोर्ट होना और अन्य ग्रहों का अच्छा प्रस्तुति होना अनिवार्य है

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