जहां कर्म से भाग्य बदलते श्रम निष्ठा कल्याणी है

कंसेप्ट ऑफ कर्मयोदा जहां कर्म से भाग्य बदलते श्रम निष्ठा कल्याणी है कर्मा आप बोलोगे कि हमें प्लानिंग में कर्म करना है टारगेट में करना है और प्रोग्राम में कर्म करना है लेकिन वह कर ही नहीं रहा है क्या करूं आप कल रात से प्लानिंग बनाया आज मेरे को यह से से कर्म करना है और जब सुबह हुआ और आप जब कर्म करने के लिए आते हो तो वह करो छोड़कर बाकी सारा कर्म होता है ठीक है ना हम एक कर्म चाहे और एक कर्म जीवन में घट रहे हैं

कतरू राज्य या प्राकृतिक फलम करूर आज्ञा प्राप्त जयते फिल्म कर्मा किंग परम कर मदद जन्म प्रति महोदय कारण निरोधक हम कर्म कर रहे हैं या कर्म हो रहा है

लेकिन कौन सा प्लानिंग प्रोजेक्ट टारगेट में काम करें प्रोजेक्ट टारगेट कौन आपको देगा आपके दिमाग में कैसे आएगा कहां से आएगा कब पूरा किया इसकी आज्ञा से करवाया और वह कर्म हम करने वाले कौन

आरती का भोजन आज का दुश्मन होकर घूम रहे हैं काम करना नहीं चाह रहा है काम का नाम सुनो उसके पास बहुत सारे बहाने हैं या बहुत सारे उसके पास क्लोज ऐसे नहीं करने के लिए उसके पास बहुत सारा पॉइंट है इसलिए काम नहीं कर रहे हैं वेदांती आदमी ज्ञानी आदमी नहीं कर रहा है क्यों इसलिए नहीं कर रहा है

करंबिन होने के पीछे क्या रहस्य है आदमी क्यों करंबिन होना चाहता है बोलते हमको तो खाना दे दो खा पी के जिगर पड़े हैं बाबा बनके संत बनके बनके ऐसा क्यों

हां कोई भी करो भगवान कृष्ण कृष्ण लॉर्ड कृष्ण उनका प्रोफाइल में क्या-क्या कर्म करना चाहिए था क्या भगवान मेरे को जरूरी था

एक साथ काम होना कृष्ण भगवान भगवान गाय चराने जाओगे पिकार कर गाय को चढ़ाना सांप मारना बिच्छू मारना क्रांति करना मच मट्ठा खाना और मक्खन मक्खन सब था ना वह काम धंधा कोनो नहीं है तो वह राधिका रानी और गोपियों के पीछे जाकर रासलीला करना कोई

अरे कंप्यूटर कंप्यूटर चलाओ लैपटॉप भगवान आदमी है कोई बड़ा बड़ा शहर है यार ओल्ड और क्या बोलते हैं आईटी कंपनी उसमें कुछ करो इंटरनेट कुछ करो

भगवान 1 मिनट के लिए भूल जाओ जितना सारा काम किया पॉलिटेक्निकल काम किया क्या तो आप यहां प्रश्न आता है हम कर्म क्यों करेंगे किन कर्मों को करना है किन कर्मों को नहीं करना है आया तो बुलाए मिश्रा जी पंडित जी झाड़ू मारो कर्म करते हो

श्रीमद्भागवत गीता जी में प्रथम अध्याय से लेकर छठा सातवां अध्याय तक कर्मयोग कर्म सन्यास योग इत्यादि भूत प्रेत सारी बेकारी गद्दारी दिमाग दारी और जितने सारे समस्याएं हैं सामाजिक आर्थिक आध्यात्मिक आधी बोतल आदि देवी कोई भी समस्या दूर हो जाएगा

कर्म करने से धर्म मिलता है क्योंकि भगवान श्री कृष्णा कर्मयोग का बात बोले क्या है कर्मयोग एक लाइन में बताइए ना गुरुजी तब काहे इधर-उधर घुमा रहे हो

यूनियन विद गॉड थ्रू एक्शन इस कॉल्ड कर्म योगा कर्म के द्वारा अपने से मिलने के लिए काली से मिलने के लिए भगवान से मिलने के लिए भगवान तो तुम्हारा दिमाग में घुसा है कि काली का पूजा करेंगे तो भगवान मिल जाए

इस किताब में लिखा है कोई भी काम हो उस काम को अगर ईश्वर आर पीतम फर्नीचर या करता हूं ईश्वर आर पीतम अनिश्चय आकृति शुद्ध कम मुक्ति साधक भक्ति साधक कम जब तक तुम कर्मयोग नहीं करते हो तब तक तुम्हारे जीवन में कभी भी ईश्वर प्राप्ति उन्नति विकास डेवलपमेंट माइंड पावर कभी भी

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