मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए नया शासकों के लिए मां काली का पूजा पाठ जब तक भवन चेतन कैसा करना चाहिए नया साधक हमेशा जब भी पूजा पाठ जब तक मार्जन केतन करने के लिए मन बनाते हैं तो बड़े-बड़े मंत्र बना लें बड़े-बड़े सिस्टम के ना जाए बड़े-बड़े पूजा मंत्र यंत्र कर्मकांड पर ना जाएं पहले देसी सरल सहज माध्यम से ही चलना चाहिए मंगोड़ी ने दिल खोलकर के आवेश में आकर बड़ा-बड़ा पूजा पाठ मंत्र इत्यादि का उठाना है और जाप करना बहुत प्रकार का समस्या बना सकता है और आपको एक अनेक प्रकार की मानसिक समस्याओं में डाल सकता है क्योंकि माता काली उपग्रह भी होती हैं और माता काली शमशान वाली बात नहीं होती है इसलिए जब भी मां काली का साधना मार्ग में जाए तो शॉपिंग सा नया साधक सरल सुगम मार्ग में जाएं और बिना गुरु का तो कभी भी इस मार्ग में नहीं आना चाहिए ना ही कोई साधना पूजा पाठ जब तक करना चाहिए
मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए, naya sadhak नया साधक का कर्तव्य है कि सबसे पहले माता रानी का फोटो या मूर्ति या फिर बड़ा मंत्र में हाथ ना लगाई बल्कि निराकार रूप में ही माता रानी को ध्यान लगाए और अगर पहले से उसके पास फोटो वगैरह है तो केवल माता रानी का चरणों में ध्यान लगाए और अगर दुर्गा दुर्गा अनुभव करता है तो एक भी दिया जला के माता रानी को एक तरफ देखता रहे नाटक करता रहे और माता रानी के पास अपने दुख दर्द कष्ट पीड़ा के बारे में जो भी माता रानी को सुनाना चाहिए सुनाएं और माता रानी के पास कोई भी चीज का डिमांड या भी क्या ना करें सिंपल सरल भाषा में कहा जाता है तो मां काली का केवल और केवल ध्यान करना है ना की किसी भी प्रकार का पूजा-पाठ या कर्मकांड अनुष्ठान करें नया साधक सर्वाधिक सावधानीपूर्वक यह सब करना चाहिए और डरने वाले साधक कभी भी इस मार्ग पर नहीं आने चाहिए
मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए man Kali ka Sadhna ke liye मां कालिका साधना के लिए सर्वप्रथम आवश्यक रहता है एक सही गुरु सही को सही साबित करने वाला कोई एक मिल जाए और अगर नहीं मिल रहा है तब तक आप सो कोई भी मंत्र उठाना यूट्यूब से व्हाट्सएप से या किताब से उठाकर जबरदस्ती उस मंत्र का कभी भी जात पात नहीं करना चाहिए बल्कि इस मंत्र को पहले सही उच्चारण सीखना और गुरु के पास बैठकर उस मंत्र का सुख भी कर लेना और गुरु से उस मंत्र का दिखा ले लेना और उसके बाद उस मंत्र का सही से उच्चारण मानसिक उच्चारण करना सीखना जरूरी होता है गलत मंत्र का उच्चारण अच्छा फल देने की जगह में बुरा फल भी कर देता है इसीलिए ग्रुप दत्त मंत्र ही मां दक्षिणी काली हो चाहे मास मसान काली हो चाहे मां भद्रकाली हो चाहे हां बोलो काली हो चाहे मां संध्या काली हो चाहे वह दक्षिण काली या फिर कोई भी अर्थ कालीन ऐसे कोई निकाली वह जब भी इस मंत्र के उतर आपको काम करना है तो यह देख लीजिए कि वह मंत्र गुरु प्रदत है या नहीं है
मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए मां काली का साधना करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि अपने जन्म कुंडली का अपने * 50 का नक्शा से अध्ययन करा लें कि आप कौन से राशि कौन से लगना कौन से नक्षत्र में जन्म हुए हो और आपकी कुंडली में शनि कौन सी जगह में बैठा है ऐसा सभी अगर आपको मां काली का साधना में आगे बढ़ाने के लिए आपके कुंडली में अगर तैयार है तो कुंडली सपोर्ट कर रहा है आपका जन्म चेत्र सपोर्ट कर रहे हैं आपका सनी सपोर्ट कर रहा है तो मां काली का साधना में आपको सुब्रत अति शीघ्र सफलता मिलेगा और अगर नहीं करते हैं तो फिर इस मार्ग आपके लिए इतना ज्यादा फल प्राप्त नहीं होता है इसलिए बिना कुंडली विश्लेषण कर आए कभी भी वह मां काली के मार्ग ले जाने का गलती ना करें
मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए अगर बिना किसी कारण मां काली का पूजा पाठ करने के लिए आपके मन में बार-बार कहीं से भी प्रेरणा आ रहा हो तो आप अपने घर में पहला ना करके अगर किसी भी मां काली के मंदिर में या जो मां काली का मंदिर में पूजा है पुजारी है पूजा करने वाला पंडित ब्राह्मण है उसके पास जाएं और उसके पास से अपना पूजा करवा लीजिए और कम से कम मां काली के मंदिर में 1 साल या 6 महीना तक जाने के उपरांत जो भी कुछ आपको समय देवरिया ज्ञान मिल जाए उसी अनुसार फिर आप आगे बढ़े लेकिन फिर से मैं कहूंगा बिना गुरु के आगे बिना गुरु के इच्छा इस नाक में कदाचित ना आवे और सर्वाधिक आवश्यक है कुंडली का विश्लेषण करवाना और जानना कि आपका कुंडली मां कालिका साधना के लिए कितना उपयुक्त बन रहा है
मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए man Kali ka purana sadhkon ke liye मां काली का पुराना साधकों के लिए जो पुराने साधक हैं जो अभी मां काली का साधना में कुछ दूर आगे आ चुके हैं उनके लिए मार्ग अलग है और जो नया नया साधक हैं उनके लिए मार्ग अलग है इसलिए पुराने जयपुर के साधक हैं उनको देखकर नया साधक कभी भी उस मार्ग पर ना भेजें और ना ही इस मार्ग में आंखें तीस मार खां बनने का प्रयास करें हमेशा सावधानी से और देवता स्थिरता के साथ इस मार्ग में आगे चले आधार पर वर्मा आपको इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है मैं डरा नहीं रहा हूं लेकिन सही से पर एक और सफल बने यही मेरा लक्ष्य है
मां काली का पूजा पाठ जब हवन कीर्तन मार्जन कैसे करना चाहिए ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं आचार्य संजय जी मां काली कल साधना हेतु संपर्क नंबर 94375 80589 9938727418 sanjay [email protected]