मिथुन राशि मिथुन लगना एकादश स्थान मेष राशि की में अगर गुरु बृहस्पति सूर्य चंद्रमा बुध और राहु कैसा परिणाम मिल सकता है

स्वाभाविक बात है एकादश स्थान में जो भी ग्रह रहे सब कोई अच्छे और उत्तम फल प्रदान होते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है और यह उत्तम गोचर रहेगा उत्तम स्थिति रहेगा यद्यपि एकादश स्थान में गुरु चांडाल एकादश स्थान पर राहु सूर्य ग्रहण योग सूर्य और बुध बुध आदित्य और चतुर ग्रह कोर्ट और पंच कोर्ट चतुर्थ योग यह सभी मैं कहूंगा यह महीना मिथुन राशि के लिए एकादश का सभी ग्रहों का हुजूम एकत्रित होना बहुत से दिशा में फल का प्राप्ति बता रहा है इसमें कोई दो राय नहीं

ज्ञानी महिलाओं को अगर महिला हैं महिला जाति का है तो आनंद उसी मौज मस्ती कई सारे स्थान में उत्तम फल प्राप्ति जथा मान सम्मान का प्राप्ति व्यवसाई वर्गों के लिए कई मार्गों से धन का प्राप्ति उत्तम अर्थ प्राप्ति यह एकादश स्थान पर कोई भी ग्रह बुरा फल नहीं देता ऐसा कहते हैं तत्पश्चात उत्तर उत्तर बलि क्रम होने के कारण यहां पर सभी ग्रह आकर अच्छा फल देते हैं इसलिए मिथुन राशि लग्न के जातक के लिए यह एक सुनहरा मौका सुनहरा स्थिति रहता है रहेगा अत्यंत उत्तम फलदायक रहेगा परंतु

यहां सूर्य के साथ-साथ आपके लग्नेश बुध अभी आकर यहां पर हैं तो स्वाभाविक बात है यह भी आपके लिए एक अत्यंत उत्तम और शुभ फल प्रदान करेगा परंतु यहां बुध शुभ नहीं हो रहे हैं पाप ग्रह राहु के साथ रह रहे हैं हालांकि यहां पर राहु को कंट्रोल करना बुद्ध मैचुअल रूप में करेंगे और यहां बाकी शनि की दृष्टि में होना तो चाहे कुछ भी हो जाए मिथुन के लिए हर दिशा से एक उत्तम परिस्थिति का निर्माण या पंचगव्य कूट करने जा रहा है इसमें कोई दो राय नहीं है

अधिक सावधान इस बात का जरूर लेना चाहिए कि इस समय मंगल का स्थिति को भी देख लेना चाहिए क्योंकि मंगल के घर में यह सारे घटनाएं घट रहे हैं यानी मंगल के घर में होना यानी मंगल का दो हाथ है एक वृश्चिक और एक में यानी दो एनर्जी है या दो हाउस है एक मैसेज वृश्चिक और उसमें मेष राशि में सब होना तो मंगल की स्थिति के ऊपर भी बहुत कुछ फलों का निर्भर करता है इसलिए मंगला कर मिथुन राशि में बैठा हुआ है आप नेतृत्व में भी गया हुआ है तृतीय अपर सत्र किया गया मंगल के लिए अच्छा हो गया लेकिन मिथुन राशि के ऊपर मंगल का बैठना आपके अंदर टेंपरामेंट और क्रोध और गलती करने का प्रबंध को भी बढ़ा देगा उसके घर में होना

जरूर आनंद खुशी शांति प्राप्त होगा इसमें कोई दो राय नहीं है परंतु यात्रा इत्यादि में सावधान रहना घर परिवार इत्यादि में अपना सेफ्टी को मेंटेन करना बाद विभाग से थोड़ा दूर रहना और इस प्रकार के उत्तम कोचर की उत्तम ग्रह स्थिति के हेतु यज्ञ हवन जरूर करना चाहिए संक्रांति स्नान भी करना चाहिए और यह इस समय जो गुरु चांडाल दोष अगर आपकी कुंडली में बना हुआ है और अभी यहां पर भी होगा तो उसका शुद्धिकरण के लिए जरूर भगवान सदा शिव का पूजन या फिर अगर अत्यंत कष्ट आए जरूर

रुद्राभिषेक इत्यादि भी करवा लेने का आवश्यकता है अगर यह कहीं ना कहीं से अगर बुरा परिणाम करने लगा तो अगर इस महीना के क्योंकि यह कहीं ना कहीं से थोड़ा सा कष्टदायक भी दिखाई दे रहा है ऐसा बना तो कर लेना चाहिए आज कोई आवश्यकता नहीं

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