मेडिटेशन जिंदगी में सबसे ज्यादा आवश्यक करता है फिजिकल स्ट्रैंथ शारीरिक शक्ति जिसका शारीरिक शक्ति नहीं है उसके लिए मेडिटेशन करना थोड़ा सा कष्टप्रद रहता है तुम्हारे बॉडी में ताकत नहीं है तुम मेडिटेशन करेंगे बोलेगा मैं शादी नहीं कर सकता एक शरीर जो सीधा बैठता है नहीं है एक तरफ झुक गया एक शरीर जो सीधा बैठता है फिर एक तरफ भाग्य मेडिटेशन में हाथ पैर हिलने लग गया तो ऐसे जिसका शरीर बार-बार हिलता है शरीर अपने-अपने सिटी में एक जगह में ऐसा करके नहीं बैठ सकता है तो ऐसा व्यक्ति कैसे ध्यान कर सकता है तो शारीरिक लेवल पर पहले शक्तिमान होना बलवान होना ताकतवार होना पावरफुल होना अभी कोई व्यक्ति ध्यान के क्षेत्र में उन्नति और प्रगति कर सकता है एक शरीर जो स्वयं ही दुर्बल है उसे कहा जाए कि तुम मेडिटेशन में बैठो वह कितना देर मेडिटेशन में बैठ सकता है शरीर दुर्बल है और ऐसा व्यक्ति को जब आप कहते हो मेडिटेशन करो सब कर सकता है मेडिटेशन नहीं कर सकता तो ध्यान के लिए अगर सबसे ज्यादा कोई चीज का आवश्यकता है तो शारीरिक ध्यान शास्त्र में जाने से पहले सबसे ज्यादा ताकत लगाया जाता है जब तक असल में सिद्धि नहीं होता है तब तक ध्यान कहां से तो आसन सिद्धि के लिए बहुत सारे योगासन का आवश्यकता है करना चाहते हो तो योगासन सिद्धि करना पड़ेगा और इसके लिए 64 बताया गया है अपने शारीरिक पात्रता को बढ़ाएं जब तक पात्रता नहीं बढ़ता तब तक किसी भी व्यक्ति को ध्यान में बहुत सफलता मिलेगा यह संभावना नहीं होता है इसलिए इस आसन में जाने के लिए उस प्राण में जाने के लिए फिर योग शास्त्र में बताया गया
सारे शारीरिक अवयवों को क्रिया से शुद्धीकरण मिलता है क्रिया में जब महारत हासिल करोगे तब आसन प्रारंभ करोगे जो आसन धीरे-धीरे शरीर पुस्तिका प्राप्त होगा तो प्राणायाम करोगे प्राणायाम करने के बाद प्रत्याहार का प्रेक्टिस करोगे प्रत्याहार के बाद आपको धारणा करना है धारणा के बाद ध्यान करना है ध्यान के बाद समाधि पाद में जाना है अष्टांग नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि का नाम बताया गया
अष्टांग योग में महारत हासिल नहीं कर सकता है उसको आप बोलोगे कि डायरेक्ट ध्यान पर जाओ तुम क्लास वन पढ़ा नहीं क्लास टू पढ़ा नहीं क्लास 3 पढ़ा नहीं पोस्ट पढ़ा नहीं प्लस त्रिपड़ा नहीं सीधा बोलता है जाओ इंजीनियरिंग करो प्रोफेसर बन जाओ बनेगा क्या तुम एक बार नहीं किया दूसरा स्टेट नहीं किया तुम बोलता मेडिटेशन में घुस जाएंगे जाओगे क्या ध्यान में सफलता मिलेगा क्या नहीं मिलेगा तो ऐसे ध्यान का मूल्य कुछ है क्या ऐसे मिलना होता तो जितने सारे ध्यान करने वाले सफेद वस्त्र वाले सब ध्यान में समाधि पाद होकर घूमते रहते हैं कुछ फायदा दे सकता है मैं मना नहीं कर रहा हूं किसी भी सिस्टम का विरोध में नहीं बोल रहा हूं लेकिन जो फंडामेंटल प्रैक्टिकल और वैदिक परंपरागत हमारे भारतीय सिस्टम है पतंजलि महर्षी जैसे इतने बड़े महर्षि कोई ऋषि मुनियों का बात तो नेता नहीं है लेटेस्ट मार्केट में मार्केट पकड़ना है चेला बढ़ाना है इसी से बढ़ाना है संगठन बढ़ाना है तो उनको ध्यान में लिया जा सकता है ध्यान करो ठीक है लेकिन वह करेक्ट मेथड नहीं है और उसमें इतना कोई खास नहीं मिलता है और यही बात हमारे ज्योतिष विज्ञान में भी एस्ट्रोलॉजी साइंस में भी इस बात को बढ़ा
बेसिक तत्व क्या है भाइयों का तत्व है कौन से हैं बृहस्पति का तत्व तो बृहस्पति का तत्व के लिए कौन से आसन करने हैं तो सूर्य का अग्नि तत्व मंगल का अग्नि और भूमि तत्व तो उसमें कौन से आसन करने तो ऐसे बहुत सारे वेरिएशन भिन्न-भिन्न व्यक्ति विशेष के कुंडली के अनुसार मेष राशि मेष राशि
धन दौलत कितना मिलेगा नहीं भूमि भवन वाहन कितना मिलेगा नहीं सबसे प्रमुख तत्व है कि मुक्ति मोक्ष मिलेगा कि नहीं क्योंकि इस विश्व ब्रह्मांड में कुछ भी कमा लो वह कितना भी पैसा कमा लो दरबारी वह परमानेंट नहीं रह सकता लेकिन इस धरती में आए हो उसी तत्व को उसी तत्वों को प्राप्त करने के लिए इस तत्व को जिस तत्व से आप आए हो
तो वह जो भटका ना चाहते हैं तुम्हें धर्म में प्रवृत्ति नहीं करके अधर्म में प्रवृत्ति करा देते हैं चैलेंज दे देते हैं कंपटीशन दे देते हैं तुम उन कंपटीशन को पार करके तुम्हारे नित्य तत्व तक पहुंच पाते हो या नहीं और पहुंच गए तो तुम्हारा जीवन सफल है नहीं पहुंचे तो जीवन भी फल है तुम धन दौलत परिवार संसार माया के चक्कर में चुंगल में फंस गए तो फिर तुम्हारा जीवन बेकार और बर्बाद हो गया कीड़ा मकोड़े पशु जैसे हो गए स्थावर जंगम हो गए और अगर तुम उस तत्व को पा गए तो तुम जीवन का सफलतम स्थिति में पहुंच गए यह इतना अष्टभुजी और योग और आयुर्वेद का तत्व है
अंदर कितना मजबूर है अगर अंदर ज्यादा चडगया नहीं एक धोखा पवन हवा आए बवंडर आए तो फिर लौट के गिर जाएगा मर जाएगा खत्म हो जाएगा आगे नहीं बढ़ पाएगा तो बाहर इस संसार जो जगह तुम्हें जो दिखाई दे रहा है मायावती में है इसमें सफलता पाने के लिए इसमें मजबूत होने के लिए गदमारा जड़ अंदर तक कितना मजबूती से कितना गहरा गया है उसी का नाम अष्टभुजी एंड मेडिटेशन तुम अपने को कितना गहरा तुम व्यक्ति करते हो ध्यान का प्रक्रिया को बताएं आज बाजार में बेचा जा रहा है लोगों को बताया जा रहा है कुंडली और ग्रह को समझे कोई भी मेडिटेशन करें सफेद करें चाहे ड्रेस पहन के शब्दों से ध्यान नहीं पहुंचा जा सकता है क्योंकि इसके लिए दिया गया है
क्या करूं तुम प्रॉब्लम मुनि नाम पतंजलि प्रांजली राष्ट्रीय सूत्र के अनुसार पतंजलि योग सूत्र में श्री भगवान पतंजलि महर्षी पतंजलि महाराज जो बताए हैं आपको कि व्हाट इज द राइट राइट राइट हुए लाइफ प्रोसेस ऑफ मैडिटेशन वह सीधा सीधा अष्टभुजी कल बेस में ही है क्लासिकल एक शास्त्रीय पद्धति एक वैदिक पद्धति में मेडिटेशन टुकड़े में जो कुछ भी किए हैं उनको भी मिला है सफलता नहीं