शनि की महादशा में शनि की साढ़ेसाती में सूर्य का पूजा कितना उपयोगी होता है करना चाहिए या नहीं करना चाहिए

शनि की महादशा में शनि की साढ़ेसाती में सूर्य का पूजा कितना उपयोगी होता है करना चाहिए या नहीं करना चाहिए bahut se log yah Puchte Hain Ki Shani ke mhadsha antrdsha ya Sani ke 7:30 ke Samay Mein Sani Baba ke Jogi kashtpida taklif Aate Hain is samay kya Surya Bhagwan ka Puja karna chahie ya nahin karna chahie is Prakar ke prashn इस प्रकार के प्रश्न आना ऑफिसर भाविक होता है कि सूर्य भगवान का पूजा इस समय हमें नहीं करना चाहिए ऐसा बहुत लोगों के अंदर भावना रहता है कि सूर्य का पूजा नहीं करना चाहिए या सली का महादशा चल रहा है सुबह का पूजा करना बहुत बढ़िया नहीं है इसमें साइड इफेक्ट रह सकता है ऐसे लोगों का गलतफहमी बहुत देखा गया है देखिए सूर्य भगवान है सनी बाबा के पुत्र और पिता पुत्र कभी भी कितना भी हो जाए शत्रुता ना था ना है ना रहेगा यह एक गलतफहमी है यह केवल कंडिश्नल एनर्जी को समझाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में शत्रु का नक्शा दिया गया है शत्रु होने के बावजूद भी शनि और सूर्य आस-पास रहते हैं तो तत्कालिक मित्रता भी देखा जाता है और उसका मिशन पर तत्कालिक मित्रता का भी फायदा मिलता है तो यह कहना यद्यपि ज्यादा सोने के वजूद भी कभी-कभार शनि और सूर्य में अति उत्तम फल का भी कई बार देखने को आता है इसलिए यह कहना कि शनि और सूर्य शत्रु हैं इसमें कोई दो राय नहीं कि सभी को बोल दिया गया तो फिर ज्योतिष विज्ञान में हम लोग कुछ नहीं कर पाएंगे वह सब देखना है इसमें नहीं है लेकिन ज्योतिष का समय चाहिए महाराज ज्योतिष का समय चाहिए केवल सूत्रों को फलित कर देना नहीं होता है

शनि की महादशा में शनि की साढ़ेसाती में सूर्य का पूजा कितना उपयोगी होता है करना चाहिए या नहीं करना चाहिए गणगौर प्रश्न करने लगे कि सभी का महादशा और साढ़ेसाती चल रहा है इस समय तो बहुत सारे सूर्य पूजा नहीं करना चाहिए तो उसका क्लेरिफिकेशन में ऐसा करना चाहूंगा जरूर करना चाहिए मैं खुद करता था और मैं खुद करता हूं वह सूर्य जो सर्कल शक्ति का आधार है और सभी ग्रहों का राजा है वह सूर्य जो सबको शक्ति देते हैं वह वहां से सभी ग्रहों को सकते मिलता है उन्हीं के आकर्षण में सारे ग्रह चलते हैं और राजा हैं तो राजा के पास फिर प्रजा कितना भी कुछ कर ले आज हमेशा राजा हिलटॉप में रहेगा यह पहला दिन है तीसरा बिंदु यह है कि मैं अपने जीवन के दादा परदादा दादा गुरु पर दादा गुरु से लेकर जिनके भी शरण में रहा और वर्तमान समय में भी जो मेरे पास ज्योतिष गुरु हैं उनके आधार पर भी मैं कहता हूं कि उनको भी मैं देखा हूं ऐसा भी ज्योतिष गुरु तेरे पास में जो मैं 500 साल तक उनका शरीर रहा और उनको मैं देखा हूं शनि की महादशा में खुद और दूसरों को भी र कमेंट करते थे कि आप को सूर्य पूजा सूर्य साधना सूर्य सत्य साधना करना चाहिए इसमें कोई दो राय नहीं है या कंफ्यूज होने का कोई कारण नहीं है

कि आप तो वीडियो में अगर शनि अष्टम में या मदन में है तो काली पूजा करने के लिए बोलते हो लेकिन अब हमें काली पूजा की जगह में सूर्य उपासना क्यों दे दी देखो हर एक एक एक डिग्री में शमी का परिस्थिति परिवर्तन होता है कुंडली में और ऐसे ही आप मैं बार बार बोला हूं कि 108 प्रकार का मकर राशि है 36 प्रकार का मकर राशि है 12 प्रकार का मकर राशि है एक प्रकार का मकर राशि है तो बहुत सारी है जिसको समझना पड़ता है और ऐसे ही सभी राशि के लिए शनि का भी विषय में अलग अलग रहता है हम सब हमीं को निर्धारित करते हैं निर्णय करते हैं तो यह देखना पड़ता है कि आपकी कुंडली में शनि सरवन चार प्रकार का फल देता है सरवन में चार प्रकार का स्थिति में है तो काम देखना पड़ता है ऊपर से नक्षत्रों पर देखना पड़ता है ऊपर से भाग भावेश कारक कारक कितने चीज को मेरे लेने के बाद जाकर हम शनि की महादशा में रेवाड़ी का निर्धारण करना पड़ता है बड़ी के क्षेत्र में अष्टम अध्याय 11 आचार्य सर्वाधिक सोचता है कि मेरे जो भी क्लाइंट है यजमान है जो व्यक्ति मेरे शरण में आया है मुझे प्रश्न करने के लिए आया है मैं उस का सर्वाधिक कल्याण कर सकूं कभी नहीं चाहेगा कि उसका बुरा करो और आपको कभी नहीं कहेगा कि शनि की महादशा में सूर्य की उपासना ही एकमात्र है अगर दे रहा है तू कुछ कुंडली में देखा होगा तभी बोल जाए एक बात बताइए

डॉक्टर कोई भीशनि की महादशा में शनि की साढ़ेसाती में सूर्य का पूजा कितना उपयोगी होता है करना चाहिए या नहीं करना चाहिए चिकित्सा कभी नहीं अपना मनीष का अधूरा चाहेगा नहीं है यह अलग बात है कि अगर उल्लू काफी का होगा मुझे नहीं डाला होगा मुझे उसके खाने वाला होगा बीमार पड़े और पैसा कमाए लोगों को भारत फैलाएं और पैसा कमाए लोगों को लोग बैठे हैं और पैसा कमाए पूर्ण पुत्र डाकू डॉक्टर लोग इंतजार करते रहता है कि कब बीमारी का हवा आएगा तो उनका इनकम होगा वह फैक्टर अलग है उनका फिगर सेक्टर में लेकिन हम जैसे ज्योतिष के सेक्टर में या हमारे जो भी आयुर्वेद का सेक्टर है क्षेत्र में तो रोको रोगी को भगवान समझते हैं गुरु समझते हैं हमें सिखाने के लिए आया है समझते हैं तो हम अपने गुरु और भगवान को कैसे लूट ले हम गुरु और भगवान का पॉकेट को कैसे ध्यान दें उसको स्वास्थ्य करेंगे उसको अच्छा देंगे तो हमें अनुभव मिलेगा अज्ञान मिलेगा और आपको सुख देंगे तो हमें सुख मिलेगा आपको कल्याण करेंगे तो हमें आशीर्वाद मिलेगा नवग्रह भी आशीर्वाद देंगे हमारी भी हमें आशीर्वाद देंगे हमारे भगवान माता रानी की आशीर्वाद बेटा तू जो किया अच्छा किया वरना हम ज्योतिष में बुरा कर्म का बुरा नतीजा कहते हैं और हम लोग में बैठ जाए और हम आपको फुर्सत में बैठ जाए पत्थर के नाम पर और अंगूठी के नाम पर और पूजा पाठ के नाम पर या कवच इत्यादि के नाम पर तो फिर तो हो गया अगर यह आईडी है तो हमें बहुत अच्छा से आता है आप लोग को बनाकर आप लोगों को सोचना ऐसा नहीं होता है इस पर बहुत दंड मिलता है बहुत नहीं समझते हैं कुंडली जब तक बहुत सारे लोग आ जाते हम भी खबर दे दो आप इसके लिए बोला था यह देखिए ना बिना कुंडली बना दिया पैसा मिलता है उसमें हमारा रहता है उसके अंदर होता है महाराज आप से हम 10 20000 में कोई 5000 में पैसा और उसमें कर उसमें कुछ काम नहीं दिया तो जान तू हमारा तो केवल हमारा फोन में ऑटोमेटिक आ जाएगा आपको भेज दिया तो हम करोड़पति पूजा-पाठ जब तक रात को 2:00 बजे तक और आपको भेजना कहां से बन गया ऐसा तो नहीं हो सकता है पैसा बहुत कमाया जा सकता है लेकिन इतना नहीं होता है तो रात में हम लोगों के लिए तो आप सब को भी हो अगर आप हमें भी दिखा दो और हम कुछ बोल रहे हैं तो उसके पीछे कुछ ना कुछ मांगा उसे होगा तभी जाकर आप को बोलेंगे कि सूर्य का पूजा करे की सूर्य शनि का कभी कबार हम लोग

यहां सूर्य हो गया जो सब जान इसको आना चाहिए वह नहीं आ रहा है तो कभी कदर हम क्या करते हैं कि इसको काली मां की लाइन पर खेलेंगे देखो काली मां की पूजा पाठ में ना बहुत परीक्षा होता है काली मां के जितने भी साधनाएं हैं इतना आसान साधना नहीं है बहुत परीक्षा होता है बहुत मार मिलता है तभी जाकर माय लव करती है और यह एक नेचुरल ढंग से होता है बड़े-बड़े काली साधकों को गिरते पड़ते देखा गया है बड़े-बड़े काले साधकों को पागल होते हुए देखा गया है तो आप लोगों को केवल ग्रह शांति और मोक्ष से अच्छा फल देने के लिए मात्र जितना आवश्यक है उतना तक हम लोग करवाते हैं उससे ज्यादा नहीं करवाते हैं ऐसा नहीं कि आप लोगों को कालू साधक बनाकर तांत्रिक होगी और आप को एकदम कापालिक बना दें नहीं ऐसा नहीं है और कुछ लोगों को देखते हैं कि बाकी कंडीशन अप्लाई काली साधना भी कभी-कभार सही गुरु का अभाव में अगर करते हो तो हमें पता है आपके पास गुरु नहीं है तो हमें यह सोच समझकर आपको देना कहां तक देना है कितना देना है यह चमत्कार है हम कभी भी देते हैं तो कौन सा नवग्रह का कौन सा जड़ी कितना अमाउंट देना है यह भी एक माइक्रोवेव है ऐसा नहीं है कि का कलेक्शन हो गया सभी पिक्चर का कलेक्शन हो गया ग्राउंड का कलेक्शन हो गया वर्दी और उसमें डालकर पकड़ा दो-दो काम हो जाएगा ऐसा नहीं होता है उसके लिए हमें सर्वाधिक रिसर्च करना पड़ता है माइक्रो माइक्रो लोग उनका स्टोरी करना पड़ता है कन्फर्मेशन देना पड़ता है फिर उसको हम लोग ट्रायल टेस्ट करने के बाद फिर यह निर्णय लेते हैं कि हां ठीक है और उसको यह दिया जाए इतना दिया जाता है तो उसके लिए किसके लिए है तो उसके लिए कोई भी बैठे हुए हैं तो उसके लिए महाविष्णु का कवर बनाना पड़ता है दिया जाता है क्योंकि इसमें नहीं हो सकता है तो आप लोग को भी मैं किसी को बोल दिया हूं

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