श्रीमद्भागवत गीता और ज्योतिषीय विचार और जीवन विचार और जीवन का निचोड़

अत्यंत जो भाग्यशाली व्यक्ति रहता है उसके जीवन में श्रीमद् भागवत गीता का थोड़ा-बहुत एक कौन पान होने का मौका मिलता है और जीवन में सद्गुरु के सही व्याख्यान करने वाला अगर श्रीमद्भगवद्गीता का मिल जाए तो समझना कि तुम्हारा जीवन चरितार्थ हो गया मोक्षदा इनी मुक्ति प्रदानी भक्ति मुक्ति प्रदायिनी माता गीता श्री गीता नहीं पड़ा इस जन्म में अर्थ सहित नहीं समझा तो जिंदगी बेकार है

सिंह से हम लोग औरत को समझ जाएं और एक चेतन पुरुष जिसने गीता को जीवन में सादा है उसके मुंह से सुने यह दोनों में हेलन हेलन का अंतर है तो गीता की गुरु मिल जाए और चलो एक ही ग्रंथ को भी कोई जीवन पर पार कर देना

कुछ नहीं गीता नहीं हुआ तो समझना कि जीवन में कुछ नहीं और गीता ही वह एक पुस्तक है जो डील विद द माइंड धरती में दूसरा किसी पुस्तक में वह दम नहीं बाकी जो है

श्रीमद्भागवत गीता व्यक्ति के जीवन में जिस दिन आ जाए इसमें सब कुछ है योग है नेचुरोपैथी है आयुर्वेदा है वेद है वेदांत है जीवनविद्या है इसमें अध्यात्म और इतिहास है इधर ध्यान विद्या है वह नोट क्या नहीं है इन 7 सालों में 18 दिन के अंदर करने के लिए ऐसा व्यक्ति चाहिए जो

क्योंकि ईश्वर की कृपा से नाम भी संजय पड़ा और श्रीमद्भागवत गीता में मेरा नाम ज्यादा

हम सबका एक मैनुअल है तो श्रीमद्भागवत गीता ही चाहिए दूसरा कुछ नहीं जैसे आप फ्रिज करते हो टीवी करते हो गणेश को अलमारी करते हो अलमीरा खरीदते हो कुछ भी खरीदते हो हर चीज में एक मैनुअल मिलता है कोई गाड़ी हो तो उस गाड़ी में भी रहता है जिसमें बताया जाता है कि उसमें कैसे ऑपरेट करना ड्राइव लेना उसमें लिखा रहता है या कोई डीजे सेट ले रहे हो तो डीजे सेट के लिए भी उसमें लिखा होता है कि यहां तेल डालना है इसको ऑन करना है इतना देर छोड़ना है फिर यह कांटा यहां पर आ जाए तो फिर स्टार्ट बटन दबाना है

और फिर बोले कि मैं इस चीज को ज्यादा दिन तक सुरक्षित चला लूंगा कैसे चला सकता है अभी काम नहीं करेंगे सब ठीक-ठाक हो जाए और समुद्र का लहरा रहा है

फिर करूंगा मेरा यह ठीक हो जाएगा तो फिर करूंगा ना कभी ठीक होगा ऑटोमेटिक ओ ठीक यही बात हमारे राहुल किला का सबसे बड़ा साइकेट्रिक डॉक्टर है डॉक्टर नंदा मेरे से उम्र में 50 साल बड़े बुजुर्ग और एक समय ऐसा था कि हम दोनों मिलकर बहुत सारे जगह में व्याख्यान दिए क्लास लिए योग एंड साइकोलॉजिकल

झूठी है वह कर्म को करो अगर डिप्रेशन में जाते हो काम करने का इच्छा नहीं हो रहा है मेंटल प्रॉब्लम है काम करने का इच्छा नहीं हो रहा है कौन से काम करेंगे समझ में नहीं आ रहा है आपको जो रुचि है जिसमें मजा आता है जो ठीक लगता है वह काम का बेड़ा उठाओ और काम करो देखना तुम्हारे अंदर का सारा बीमारी अपने आप ठीक हो जाएगा

स्वास्थ्य करते हुए स्वास्थ्य मन हुआ तो कोई यह बोले कि हाथी चुपचाप खड़ा था प्रश्न करो कि मैं क्या करूं कर रहा हूं या बिना फालतू का आईडियली अकेले बैठा हूं और इसीलिए कहा गया आइडियल माइंड डेविल्स हाउस खाली दिमाग और जैसे-जैसे तुम्हें ग्रहों कर्म करना चाहते हैं कर्म से विच्छेद करना चाहते हैं करवाना चाहते हैं करना चाहते हैं और कुछ नहीं

एडिक्शन हो जाता है काम नहीं करने का एडमिशन हो जाता है सोए रहने का डिक्शन रहता है और फिर उसका बहाना बनाते हो मेरे को काम करने का इच्छा नहीं हो रहा है तभी समझना कि बुरा वक्त आ गया तब समझना कि जिंदगी में कुछ बड़े दुर्घटना और घटना और अनहोनी होने वाला है और जिसका परिणाम एक भैया वह परिस्थिति को सूचित कर सकता है और तुम्हें लेकर कहीं ना कहीं इसलिए अपने को कर्म तत्पर रखना कर्मयोग का पहला प्रश्न

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *