सूर्य मिथुन राशि में संक्रांति रजत संक्रांति

यह सूर्य का वृष राशि से जब मिथुन के और सूर्य भगवान चलते हैं तो संभावित बात है हमारे उड़ीसा के लिए एक महान पर्व बनता है और यह है सूर्य संक्रांति का राज्य संक्रांति मिथुन संक्रांति यहां एक बात है काल पुरुष कुंडली के तृतीय स्थान मिथुन राशि में बुध के घर में सूर्यदेव का आना विश्व पटल में एक महान संक्रांति कहलाया गया है और हमारे उड़ीसा के लिए तो महान महान और परम महान होता है

उड़ीसा के अंदर जितने सारे माताएं बहने हैं बेटियां हैं 3 दिन तक कोई खाना-पीना बनाना नहीं होता है पहले से बना कर रखते हैं और बहुत सारे पकवान बनता है उस में से सबसे प्रमुख पकवान होता है पूर्व पिता आप लोग जो भी पूरी मंदिर आए होंगे जरूर पढ़ो पिता जगन्नाथ भगवान से हो वहां से जरूर खाएं और और खाना चाहिए

स्वास्थ्य का तत्व में भी इसका बहुत सारा महत्व है बनता है तो हल्ला कि नहीं आ ज्योतिषियों बात कम कहूंगा और सांस्कृतिक व धार्मिक बात को ज्यादा कहूंगा और यह बजे संक्रांति में पूर्व था और कई और और भी प्रकार के पकवान बनते हैं जरूर हैं लेकिन प्रमुखता है तो पढ़ो बिठा बनता है और इसमें हमारे जो ओल्ड ट्रेडीशनल मेथड किया था पुराना पद्धति क्या था पूरा कैसे बनता था मिट्टी का घड़ा छोटा सा कढ़ाई का लेते हैं या फिर साल का और

लकड़ी के चूल्हा में ना कि कोयला ना कीजिए ना ही आपके वह काला वाला बक्सा चले उसमें नहीं लकड़ी का चूल्हा में नीचे लकड़ी ऊपर अंगार और ऊपर में भी पता देकर फिर उसको एक layer2 लेयर पता देखें और कुछ जगह में तो उसको भी मिट्टी में लिख दिया जाता था ताकि एकदम एक्सपोर्ट नहीं हो और एक प्रकार का नेचुरल

बहुत सारे जिसमें हम काजू किसमिस और नारियल का टुकड़ा और गुड़ देसी गुड़ और उसमें बहुत सारे जो हमारे यहां लोकली अवेलेबल है उस प्रकार के चीज में डाले जाते हैं एकदम केक जैसे देसी किसको बोलते हैं और आप लोग हमारे बहुत सारे लोग अपने उसके ऊपर छोड़े हैं भगवान वाले खाना पीना वीडियो चैनल में आप कर सकते हो कैसे बनता है

पहनेंगे और पान खाएंगे उड़ीसा का पान और मीनू मीनू जैन ऑफ आयोजनों सैलाना माताएं बहने खाना नहीं बनाती है चप्पल पहन के नहीं चलती हैं और खाना नहीं मतलब किस प्रकार के बहुत सारे रिस्ट्रिक्शन में रहती हैं और 3 दिन के बाद फिर महासभा और और उसके बाद जाकर या से संक्रांति समापन होने के बाद और बसु बसु देवी माता के वसुधा माता का स्नान वगैरह करके उस दिन भूमि पूजन होता है और फिर बाकी कार्य करते हैं तो यह रजत संक्रांति अपने में एक बड़ा महत्वपूर्ण विषय रहता है और संक्रांति का आप अपने लोगों के जैसा रहेगा आप लोग

सूर्य का अग्नि बढ़ता है बचपन में बच्चे लोग थे और खेल खेलते थे आराम चोली रहता था और पेड़ में जूली बनाते थे और रस्सी बांध के मनाते थे मत रहता है और इसमें हम लोग करने से नेचुरल हमारा शरीर को बायो में क्या करते हैं खिलाते हैं डब्लू डब्लू शनि राहु एंड चावल जलाकर खाना फायर मंगल अंगार में जलाना ना कि डायरेक्ट आग में जला दो तो वह काम नहीं बनता भाड़ में जाना पड़ता है सीखना पड़ता है कंपोस्ट बनता है उसके अंदर जो शरीफ शारीरिक समस्याएं रहते हैं अपने शरीर को इस झूला में झूला तो आगे जाते हो पीछे आते हो आगे जाते हो पीछे आते हो तो अपने शरीर को मारता है भाइयों में भाई स्नान करवाते हैं भाइयों के थ्रू पासवान करवाते हैं तो जिसके लिए स्पेशल संक्रांति के दिन में खेलना इन सब का प्रसन्न होना समन होना शांत होने का कार्य होता है जिससे यह जो गणित समस्याएं नारी के शरीर में नहीं होता रिलीज होता या कम होता है और उनके अंदर जाते हैं महसूस होने लगता है तो उम्र और उसमें भी पकवान बड़ा गरिष्ठ भोजन क्योंकि यहां आने के कारण हमारे शरीर में भी वायु का वेग और प्रकोप बढ़ने लगते हैं और

चल रहा हो और मिथुन का सूर्या हो और अपने आपके अंदर का पाप अच्छा है और धर्म का प्राप्ति होता है तो राज्य संक्रांति हमारे एस्ट्रोलॉजी कल पॉइंट डब्बे में बड़ा बहुत बड़ा मान्यता रहता है तो चलिए धन्यवाद

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