सनी और राहु का जो स्थिति आपकी कुंडली में है इस कंडीशन पर जमीन बेचने का निर्णय पहले कृपया ना लें पहले इसका शांति कर दिया रास्ता खुल जाएग

चलिए को तो लगता है ज्यादा लोगों को दिखाएं होंगे 67 उसने है कि यह लोग आपको क्या समाधान दिया था अच्छा तो कोई भी आपका बीमारी के बारे में अभी तक कोई नहीं बताया आपको आपका कुंडली लोग देखने के बाद कोई यह नहीं बताया कि आपकी कुंडली में श्रापित योग है बोलकर की धनी और राहु एक जगह में बैठे हुए हैं और जब भी किसी कुंडली में श्रापित योग है तो जिंदगी उसका क्या चलता है इसके बारे में कोई आईडिया नहीं दिया आपको कोई भी एस्ट्रोलॉजर हां यही समस्या है कि जब भी

कि जब भी कुंडली में शनि अपनी और राहु एक घर में बैठ जाते हैं योग और श्रापित योग जब जिंदगी में रहता है तो हर कार्य में चलो ठीक है लाभ के घर में बैठे हैं और लाभ के घर में कितना भी खराब प्लेनेट हो अच्छा फल देता है यह एकदम सॉलिड बात है इसमें कोई दो राय नहीं है कि लाभ स्थान में खराब ग्रह से खराब ग्रह भी अच्छे फल दे देते हैं लेकिन यही खराब जगह आपकी लगन से पंचम में भी बना हुआ है तो इसको अगर आप एंपहसिस देते हैं तो जिंदगी के जो पूर्व जन्म पंचम स्थान तो पूर्व जन्म के कोई ना कोई श्राप जिसके कारण आज इसको यह भुगतना पड़ रहा है और

और ऐसे और राहु का श्रापित योग कुंडली में बन रहा हो शनि राहु एक घर में बैठे हैं और अच्छे स्थान में बैठे हैं त्रिकोण स्थान में बैठे हैं केंद्र और त्रिकोण में इनका प्रभाव हालांकि एक तरफ लाभ में तो अच्छा दे देंगे ठीक है लेकिन वह चंद्रमा से देंगे यानी 33% लेकिन बाकी 33% और सूर्य से अगर गिनती किया जाए तो 33% यह दोनों यानी जिंदगी का 66% समस्याओं का घर में डालेंगे और जो बीमारी से लेकर स्थापित योग बीमारी बड़े-बड़े काम रुक जाना गलत निर्णय लेना बेवकूफी करवाना मूर्खता भर काम करवाना जो नहीं करना चाहिए या जिसको बोलते हैं दूर तक नहीं दिख पाना और गलत निर्णय ले लेना और इसके लिए जिंदगी भर

और राहु का श्रापित योग कुंडली में बन रहा हो शनि राहु एक घर में बैठे हैं और अच्छे स्थान में बैठे हैं त्रिकोण स्थान में बैठे हैं केंद्र और त्रिकोण में इनका प्रभाव हालांकि एक तरफ लाभ में तो अच्छा दे देंगे ठीक है लेकिन वह चंद्रमा से देंगे यानी 33% लेकिन बाकी 33% और सूर्य से अगर गिनती किया जाए तो 33% यह दोनों यानी जिंदगी का 66% समस्याओं का घर में डालेंगे और जो बीमारी से लेकर स्थापित योग बीमारी बड़े-बड़े काम रुक जाना गलत निर्णय लेना बेवकूफी करवाना मूर्खता भर काम करवाना जो नहीं करना चाहिए या जिसको बोलते हैं दूर तक नहीं दिख पाना और गलत निर्णय ले लेना और इसके लिए जिंदगी भर पछताना योग में लोगों के कुंडली में देखा गया

तो अभी है और मैथिली पंडित जी भी हैं इसको थोड़ा सा अगर समझ के इसको बाप लेते और इसके बारे में थोड़ा सा जानकारी ले लेते तो अभी यह प्रॉब्लम में आपको पढ़ना नहीं पड़ता ऐसा आप अगर सोचते हैं कि बुद्ध के महादशा में शुक्र का अंतर्दशा जरूर द्विध्रुव आदर्श का 10 अंतर्दशा सड़क का अंतर्दशा जिंदगी में खराब प्रभाव लाता है इसमें मैं दो राय नहीं हूं मैं सहमत हूं लेकिन उतना नहीं जितना कि आज आपकी जिंदगी पेस्ट पड़ा हुआ है एकदम घर में तगड़ा के लिए लोग आ रहे हैं और परेशानी में हैं तो वह कंडीशन यहां पर नहीं दिखाई देता तो ले देकर आपकी कुंडली में सबसे बड़ा जो प्रॉब्लम है बिल फैक्टर यहां पर दिखाई दे रहा है वह कहीं

काम का सनी वालों की लगन से चंद्रमा से पंचम पनौती बना देता है उसको सोना भी दे दो चुनाव बनाकर रख देगा जिंदगी में बहुत सारे लोग अमीर होते हुए बहुत सारे बड़े लोग बनते हुए देखा हूं ज्ञान के स्थान में बैठा है बढ़ता है लेकिन जहां राहु और शनि बन गए हृदय के स्थान में पेट के स्थान में तो जिंदगी में पेट का प्रॉब्लम और जिंदगी भर का एक कॉन्स्टिट्यूशन जैसे समस्या यह जिसके कारण बुद्धि भ्रष्ट हो जाना यानी अगर जब तक यह पेट साफ नहीं करते हो तो बुद्धि साफ नहीं होगा और ऐसी कंडीशन पर जैसे-जैसे आप पूर्ण होते-होते जाते हो उम्र बढ़ाते बढ़ाते जाता है श्रापित योग और ज्यादा मजबूत और स्ट्रांग होने लगता है और अच्छी जगह अच्छे फल देने की जगह में आपको बुरा नतीजा लाकर खड़ा कर देता है

और किसी का श्राप किसी न किसी का श्राप किसका श्राप होगा पंचम स्थान में बना है तो संतान का श्राप पंचम स्थान में बना है तो प्रेमी प्रेमिका जीवन में अगर पूर्व जन्म का स्थान है तो पूर्व जन्म का प्रेमिका का स्थान पूर्व जन्म का संतान का स्थान श्रापित योग बना तो पूर्व जन्म में आप बुरा ना माने अगर इसको बड़े दीपाली नगर करते हैं यह श्रापित तभी बनते हैं अगर पूर्व जन्म में किसी व्यक्ति ने भ्रूण हत्या जैसे पाप या संतान हत्या जैसे पाप आती देखो यहां पर शनि शत्रु ग्रह ही होकर बैठा रहू नीचे होकर बैठा तो आती नीच कर्म का भी दर्शाता है यहां पर और जिसका प्रभाव और परिणाम यहां जिंदगी में फलित होने लगता है

से व्यवस्था होने के बावजूद व्यवस्था काम में नहीं आना और सबसे इंपोर्टेंट फैक्ट है कि दूर तक बुरा भी दर्शन संधि नहीं हो पाना और निर्णय लेने में गलती गलत निर्णय ले लेना चौथ बिंदु यहां पर यह करवाता है कि आपके अंदर ऑफर कॉन्फिडेंस को भर देना जो अति आत्मविश्वासी होकर जो रिस्क नहीं लेना चाहिए वह रिस्क को लेकर फिर परेशान में पढ़ने और छुपाते छुपाते घूमने ऐसे लोग जनरली देखे गए हैं टेलीफोन बंद कर दो या लोगों से चुप हो या लोगों को सामना नहीं कर पाना आत्मविश्वास का कमी होना कोई भी कार्य को हड़बड़ी में कर देना हड़बड़ी में करने के बाद बाद में उसका परिणाम को झेलते रहना और इन सबसे इंपोर्टेंट पार्ट है कि किसी के साथ भी कभी भी अपने अंदर

व्यवस्था होने के बावजूद व्यवस्था काम में नहीं आना और सबसे इंपोर्टेंट फैक्ट है कि दूर तक बुरा भी दर्शन संधि नहीं हो पाना और निर्णय लेने में गलती गलत निर्णय ले लेना चौथ बिंदु यहां पर यह करवाता है कि आपके अंदर ऑफर कॉन्फिडेंस को भर देना जो अति आत्मविश्वासी होकर जो रिस्क नहीं लेना चाहिए वह रिस्क को लेकर फिर परेशान में पढ़ने और छुपाते छुपाते घूमने ऐसे लोग जनरली देखे गए हैं टेलीफोन बंद कर दो या लोगों से चुप हो या लोगों को सामना नहीं कर पाना आत्मविश्वास का कमी होना कोई भी कार्य को हड़बड़ी में कर देना हड़बड़ी में करने के बाद बाद में उसका परिणाम को झेलते रहना और इन सबसे इंपोर्टेंट पार्ट है कि किसी के साथ भी कभी भी अपने अंदर का एंगर जिद्दी पन बढ़ाने के कारण या

जिद्दी पन बढ़ाने के कारण या और नियम निर्मल का कोई नियंत्रण नहीं है हो जाता है इसके पीछे जो रहस्य है यह पूर्व जन्म का बता दिया और इसका इफेक्ट जो मिनिमम बताएं इसका और भी बहुत सारे इफेक्ट है और इसका रेमेडी बता रहा हूं ध्यानपूर्वक सुन जो रेमेडी की इसमें आपको काम में आएंगे सबसे पहले ऐसे गृहीत यह पूर्ण एस्ट्रोलॉजी के विज्ञान में ज्योतिष शास्त्र में जितने सारे दुर्योग हैं यह श्रापित योग को सबसे टॉप कैटेगरी में रखा जाता है इससे बड़ा और दुर्योग कुंडली में या एस्ट्रोलॉजी विज्ञान में श्रापित योग से बड़ा दुर्योदर नहीं है बाकी सारे दुर्योग इसके नीचे चलते हैं चाहे गुरु चांडाल हो चाहे कालसर्प हो चाहे पितृ दोष हो इन सब का टॉप एंड अब्बल नंबर का यह श्रापित योग बनता है और अगर यह वुलनरेबल कंडीशन पर बनता है जैसे

हो जाता है इसके पीछे जो रहस्य है यह पूर्व जन्म का बता दिया और इसका इफेक्ट जो मिनिमम बताएं इसका और भी बहुत सारे इफेक्ट है और इसका रेमेडी बता रहा हूं ध्यानपूर्वक सुन जो रेमेडी की इसमें आपको काम में आएंगे सबसे पहले ऐसे गृहीत यह पूर्ण एस्ट्रोलॉजी के विज्ञान में ज्योतिष शास्त्र में जितने सारे दुर्योग हैं यह श्रापित योग को सबसे टॉप कैटेगरी में रखा जाता है इससे बड़ा और दुर्योग कुंडली में या एस्ट्रोलॉजी विज्ञान में श्रापित योग से बड़ा दुर्योदर नहीं है बाकी सारे दुर्योग इसके नीचे चलते हैं चाहे गुरु चांडाल हो चाहे कालसर्प हो चाहे पितृ दोष हो इन सब का टॉप एंड अब्बल नंबर का यह श्रापित योग बनता है और अगर यह वुलनरेबल कंडीशन पर बनता है जैसे एक तरफ महारुद्र अभिषेक सोचिए यह फ्रेंडशिप फ्रेंडली हाउस है ना यह राहु का उच्च घर है या फ्रेंड

पीड़ित चोर चपेट एक्सीडेंट 8th हाउस और राहु यहां पर नीचे और दोनों एक जगह में ऊपर से शनि बकरी बकरी शनि को पूर्व जन्म कहा गया और लगन से पंचम को पूर्व जन्म कहा गया पूर्व जन्म का पूर्व जन्म कहा गया तो दोनों से पूर्व जन्म का कृति कार्य कर्म का भोग इस समय यह जीवन पर लाकर खड़ा करके दिया है हां एक पॉजिटिव पार्ट यह है जिसमें डरना नहीं है वह है कि चंद्रमा से भी लाभ स्थान में है यानी क्या जिंदगी में यह सारे तो डालेंगे जरूर लेकिन कहीं ना कहीं आज नहीं तो कल आपको समाधान मिलेगा लेकिन समाधान तभी मिलेगा जब इस शनि और राहु का शांति कर लेंगे

अपने आप भोलेनाथ निकले होंगे वहां से ठीक है पश्चिम दिशा हो सकता है 10 हो सकता है 20 हो सकता है 40 यहां आठ है तो 80 किलोमीटर या 8 किलोमीटर और आपका यहां से 5 किलोमीटर इतना के अंदर यह मंदिर कहीं ना कहीं होगा जरूर और दिशा आपका पश्चिम और उत्तर दिशा या पश्चिम और दक्षिण दिशा की ओर हो सकता है दोनों दिशा दिख रह लगाएंगे तो वहां पर आपको जाना पड़ेगा ठीक है और वहां आपको 12 दिन का अभिषेक भोलेनाथ के मंदिर में रहकर आप खुद पंडित हो खर्च का कोई विषय नहीं है यहां अपने से अष्टाध्याई का पाठ करेंगे रुद्राष्टाध्याई का पाठ करेंगे अगर जानते हैं नहीं तो पंडित को हायर करना पड़ेगा

केंद्र यह नहीं है चाहे घर में कोई तगड़ा में आ जाए चाहे कोई और कुछ कर दे गुरु यहां बैठकर हर दिशा से बचा रहे हैं बच्चा तो रहे हैं लेकिन कोई प्रोग्रेस नहीं दे पा रहे हैं तो इस प्रोग्रेस के लिए आपको आंख मां के कोशिश यह कर लेना है कि इस दोनों को शांति कर देंगे इसलिए शांति नहीं करेंगे कि आपको इस जन्म में फायदा मिलेगा बल्कि इस जन्म इस इस जन्म तो गया गया 55 में जन्म हुए थे आप अगला जन्म यह दोस्त लेकर ना जावे सॉरी हां तो 56 का जन्म है मतलब इस समय उम्र कितना हो गया 6768 हो गया तो ले देखें आपके पास और 30 40 साल का टाइम है वह टाइम पीरियड आपका जिंदगी का अच्छा चल और वह चले ना चले अलग बात लेकिन अगला जन्म में ऐसे दुर्योग लेकर ना जाएं क्योंकि इसको अगर प्रायश्चित नहीं करते हैं तो अगला जन्म यही दोनों जाकर ना अभी तो एकादशी में बैठे हैं पंचम में बैठे हैं जाकर द्वादश में बैठ जाए या चतुर्थ में बैठ जाए चंद्रमा से या पंचम से ऐसा पनौती दोष दे देते हैं ना ऐसे लोग रोड के किनारे बैठकर रेड्डी ठेला लगाकर भी भीख मांगते रहते हैं तो अभी तो आप बचे हुए हो से हो इस जन्म में अगला जन्म का फ़िक्र करिए और अगला जिंदगी का फ़िक्र करिए और यह कहीं कभ

तो जो शनि के महादशा 19 साल का कॉलेज पास करके आ गया है उसको शनि का साडेसाती या ढैया क्या उखाड़े का कोई प्रॉब्लम का विषय वहां नहीं है राहत का बात है परंतु रत होने के बावजूद आपको रहता इसलिए नहीं मिल रहा है कि दोनों आपके लिए एक बड़ा बाधक स्थिति बनाकर रखे हैं और इसका शांति तो शनि के महादशा में राहु के अंतर्दशा में कर देना चाहिए था करना नहीं कर पाए कोई बताया नहीं होगा या आपके अज्ञानता रहेगा या उसका योग नहीं खुला होगा लेकिन अभी खुल गया है आपके लिए हर रास्ता दिख रहा है खुलती हुए लेकिन इसके लिए कम से कम 125000 का मृत्युंजय या महामृत्युंजय तो और उसके बाद उसका रुद्राभिषेक 12 उसमें कोई खर्चा विषय एकदम नहीं है अगर आप रुद्राष्टाध्याई पढ़ने जानते हैं जब आपकी बिटिया इतना सारा जानते हैं तो आप जरुर जानते होंगे या इसी दिन में भी अगर अभ्यास कर लेते हैं और तब तक यह समय भी आ जाएगा जहां आप बहुत फ्लुएंसी और बहुत अच्छा से पाठ कर सकते हैं और इस इस प्रकार का शराब से मुक्ति हो सकते हैं जिसके कारण आपके बच्चों का भी कल्याण होगा आपके पूर्व जन्म और इस जन्म का भी महान कल्याण हो जाएगा ठीक है और आपकी कुंडली देखे हुए और आपके कल और हाथ की रेखा से और गुरु का उच्च उच्च स्थिति और मंगल का उच्च स्थिति दोनों परम उच्च अवस्था में बैठे हुए इस कंडीशन पर मैं इतना कहूंगा कि देखो सूर्य देखो भाई क्या भाग्य है आपका सूर्य भी उच्च का और गुरु चक्र मंगल उच्च का यह सारे कंडीशन जो बता रहे हैं यह और और मजा बात है कि शुक्र बुध या आपस में एक्सचेंज है यानी हर कंडीशन से भगवान राम जैसे जिंदगी राम जी का सबसे कुंडली में सबसे ज्यादा उच्च प्लेनेट हुआ करता था और यह सारे होने के बावजूद अगर जिंदगी में यहां प्रेरित हो तो केवल और केवल यह केवल कुछ नहीं है यही है श्राप यही है अभिशाप और इस अभिशाप का मोचन पापमोचन सांप मोचन कर लीजिए फिर जिंदगी में मेरे को बता देना कि यार समस्या बोलकर और जिंदगी में कुछ टिकता नहीं है और सबसे इंपोर्टेंट बात यह है की मृत्यु समय भी शांति से और आराम से चलेंगे आप मतलब आध्यात्मिक ऐसे उच्च का जिसका रहता है मोक्ष मुक्ति और आध्यात्मिक और परम आध्यात्मिक तत्व तक पहुंचाने जाते हैं यानी जान तो इसलिए हुए हो लेकिन यहां एक बहुत बड़ा अवरुद्ध बना कर रख दिया है कुंडली में

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