गायत्री मंत्र को ही सिद्ध नहीं किया और उसका सर्वर निम्न टारगेट को ही नहीं पाती है और सरवन इन में टारगेट होता है कम से कम 2400000 तो वह गायत्री मंत्र उसका किस काम का है या वह पंडित किस काम का है ऐसा ब्राह्मण करा क्या आवश्यक है इस धरती में मेरे दादू बोलते थे कि अगर ब्राह्मण गायत्री नहीं करें तो उसके हाथ से कृपया पानी मत पियो वह उसके साथ बात भी मत करो तो
गौ गंगा गीता और गायत्री चार आधारभूत स्तंभ हैं और अगर कोई पंडित का बच्चा ब्राह्मण घर में जन्म हो कि इन चार से विरत है इन चार से भिन्न है इन चारों का अपने जीवन में प्रयोग नहीं रखा है इन चार चीज धर्म अर्थ काम मोक्ष का मार्ग में जो सबसे बड़ा आवश्यक विषय बिंदु है वह गंगा गीता गायत्री है तुम मिश्रा ब्राह्मण होकर फिर इतना महान भूमि में रहकर अगर गायत्री का साधना नहीं करते हो तो फिर जिंदगी बेकार व्यर्थ कोई मूल्य हिना हो गया
जनेऊ होता है और गायत्री का दीक्षा मिलता है अब तक तो टारगेट पर हो जाना चाहिए और जो व्यक्ति जो ब्राह्मण ही नहीं कोई भी मैं जातिवाद का नहीं बात कर रहा हूं अगर गायत्री मंत्र का साथ लिए तभी जाकर दूसरा किसी भी मंत्र का साधना का अधिकारी हो जो काली-काली चिल्ला रहे हो ना उतना देर से काली का मंत्र कर दिया मंत्र कर दिया जंतर कर दिया उल्टा के तार के मोड को उखाड़कर छोड़ कर फेंक के काली माई
गायत्री जप किया नहीं और बोलते हो काली सिद्धि में आ गए बात यही है किसी भी गैस टंकी में गैस सिलेंडर में लोहे का एक चतरा सिलेंडर बना के उधर गैस भर दो क्या गैस रहेगा तो उस गैस को भरने के लिए क्या चाहिए एक प्रकार का लिक्विड डाला जाता है जो गैस का मौलिक दल पार्टी कल उसका जो भी है उसे अब करके रखें
बात करते हो चाहे मां बगलामुखी का साधना का बात करते हो चाहे कुछ भी साथ में बिना गायत्री का आध्यात्मिक ज्ञान
जीता हूं शान से हो वेद हो लेकिन एक बात बताओ साधना क्षेत्र में कमी है तो उसे साधना चित्र को परिपूर्ण करने का आवश्यकता जरूर है उठाओ माला रगड़ चाहिए याद रखना जीवन में कोई भी आध्यात्म शास्त्री विज्ञान विज्ञान तुम्हें मिले उसके लिए भी तुम्हारे अंदर साधना चाहिए लोग बहुत हैं नहीं मिलता बहुत आध्यात्मिक व्यक्ति विशेष से जिनको बहुत रूचि है नहीं मिलता हजार तुम यूट्यूब से देख लो बड़े-बड़े साधु संत महात्मा बढ़िया-बढ़िया बात बोलने गाड़ी वाला बोल दे बोल दे वह साड़ी वाली बोल देना शांति वाले बोल दे बोल दे बोल दे
लेकिन जब तुम ग्रुप ग्रह गमन करते हो गुरु के सानिध्य पाते हैं और उनके श्रीमुख से श्रवण करते हो समापन होते हो और श्री मुख से श्रवण करते हो तब उसके अंदर एक व्यक्ति के जीवन का अनुभव सापेक्ष विद्या के अंदर प्रवेश करते हैं
ठीक है मतलब धन्यवाद प्रणाम नमस्कार गीता भगवत गीता हम क्या करते ना इसको समझने के लिए और बिना गुरु में यह संभव आज की तत्कालीन जो भी व्यक्ति विशेष हैं कहीं ना कहीं से कलयुग का प्रभाव है यह बिना गुरुकुल और बिना गुरु के दूध और बिना गोमूत्र से इतना शुद्धिकरण नहीं हो सकता उतना कर्मयोगी करना नहीं है तो पॉसिबल नहीं
है उसके अंदर प्रवेश करोगे तब समझ पाओगे कि व्हाट इज द रियली दक्षिणा काली यंत्र उस काली यंत्र में भी प्रवेश है तो ही तो तब भी तुम्हें क्या चाहिए गायत्री मंत्र क्यों अब देख लो उसमें बताया कि 10 महाविद्याओं के आखिरी में बताया गया यंत्र राजा यंत्र धीमहि तन्नो प्रचोदयात तब तो यह है कि जब तक गायत्री का साधना नहीं है तब तक कुछ का भी साधना नहीं है इसलिए गंगा गीता गायत्री गंगा गीता