दंड काली जात्रा का नाम है जम्मू जात्रा कोई यात्रा लेकिन एप्स जो उसके ऊपर की स्टोरी है वह कहीं ना कहीं आसपास समान समान चलता है लेकिन उसको भिन्न-भिन्न स्थान पर इसको भिन्न भिन्न प्रकार के प्रजेंट एक्शन को दिया गया अभी अगर यह चक्रधरपुर मनोहरपुर झारखंड बॉर्डर उड़ीसा बॉर्डर इधर-उधर मयूरभंज मालदा जानता पश्चिम सिंहभूम पुरुलिया यह पूरा बेल्ट का एक अलग है और हमारा उड़ीसा में एक अलग में चलता है इसमें
मुकुंडा मास्क लगाकर छो नाच करते हैं वह अपना चेहरा नहीं दिखाती जो भी किरदार रहेगा उसके द्वारका उसका मुखौटा मिलता है या बनाते हैं उसको भी ट्रेनिंग देते हैं उसको लगाते हैं यानी ओरिजिनल आदमी का चेहरा नहीं दिखे यानी उसके अंदर अहंकार नहीं आएगी मैं नाच रहा हूं कोई और नाच रहा है मैं इसके अंदर हूं और यह आत्म द्रष्टा बने और उस किरदार को निभाया तो एक मुखौटा वाला कैरेक्टर है जिसमें कि मेरा कोई नहीं है मैं अंदर हूं उसको निभा रहा है और उसके लिए उनका प्रार्थना करते हैं और वह लोग भी अलग-अलग देवी पूजा करते हैं पूजा करते हैं और उसको
साइड है यह बिना मुखड़ा वाला है जिसमें मुखौटा नहीं लगा थोड़ा बहुत ज्यादा है उस एस्पेक्ट एंड सब्जेक्ट को प्रेजेंटेशन एक अलग भित्ति भूमि में उसको रखते हैं लेकिन हमारे सुर ताल लालित्य इसके ऊपर ज्यादातर बेसिक टेक्नोलॉजी के ऊपर क्लासिकल स्टेट के ऊपर कुछ बाकी सारे करते हैं उड़ीसा के और भी हमारे जो एंड कल्चर है उड़ीसा का उड़ीसा कल्चर है उसको मिलाकर
डंडा नृत्य भी ठीक उसी टाइम में ही होता है जिस समय ऑफिस वाली होते हैं देखना चाहते हो तो चक्रधरपुर में चलता रहेगा अभी जाओगे तो वहां देख सकते हो शाम का टाइम किसी टाइम मिल जाता है नेट में ध्यान देना हमारे केंदुजहर मयूरभंज का जात्रा होता है मयूरभंज केंद्र रात्रि तो वहां प्रदर्शन
मुखौटा वाला शो एक कैब इन मुकुट आशु और उस दोनों में सबसे क्रिटिकल और टेक्निकल है बिल मुखौटा छू क्योंकि वहां फेस वैल्यू को भी ऐड करते हैं उसको हमको आपको देना पड़ेगा फेस पे नहीं जाना है उनके लिए बिजी है लेकिन जो लोग बिना मुखोटे का करते हैं उनको उनसे ज्यादा पढ़ाई करना पड़ता है हर एक इमोशन इन सब का प्रेजेंटेशन शो में उनको करना पड़ता है तो वह थोड़ा ही रहता है इन सारे देवी देवताओं को भी उसके अंदर इंवॉल्वमेंट रखें लेकिन टारगेट यही रहता है कि वहां से आएगा वहां से आकर उसको कन्वर्ट करते हैं डांस फॉर्म टू काली को फोन करते हैं फिर उसका
और यह सारा प्रेजेंटेशन के पीछे लक्ष्य इतना है कि मेरा अहंकार का विनाश और यह एक फॉर्म है इससे आंखों में जहां नृत्य के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति हो भगवत प्राप्ति हो और आशीर्वाद प्राप्ति हो और विश्व का कल्याण हो जन-जन जग जग जो जो देखेगा उसका भी कल्याण होगा जो लोग करवाएगा उसका भी कल्याण होगा जो इन बोल होगा उसका भी कल्याण होगा जो नहीं भी कुछ करें लेकिन वहां रहे तो उसका भी कल्याण होगा तो मुझे एनर्जी और 6:00 इन द डांस फॉर्म इन द हैप्पीनेस फॉर बंद आनंद फॉर्मफ्लो भर करता है सभी तक ऊर्जा पहुंच जाता है तो छो नाच कुछ नहीं है एक ऊर्जा को कैसे ट्रेनिंग करना उस ऊर्जा को कैसे एक्सीलरेट करना उस ऊर्जा को कैसे उन्नत करना उस ऊर्जा को कैसे प्रोडक्शन करना और उसको लोगों के अंदर तक थ्रोअर भर करना ताकि व्यक्ति के अंदर का जो पाप है ताप है विनाश हो जाए और उस शुद्ध पवित्र हो जाएं और मुक्त शुद्ध मुक्त और पवित्र हो जाए तुम्हारा