मेडिटेशन ध्यान यह ध्यान ही है जो आम आदमी को राम आदमी बनाता है मानव को महामानव बनाता है मेन se सुपरमैन ऑल द सिटी इन द वर्ल्ड

उधमी नंबर खुला होना आधा बंद हो पहला नियम दूसरा क्या शरीर का आसन सिद्धि होना जहां बैठे हैं वह सिद्धि प्राप्त किया हो आप बोले ना गया गुरु ज मुझे ट्रांसलेशन में बैठा रहा तो बैठा ही रहा नो ही 2979 सीधी नोट कुछ कुछ भी नहीं 1111111 तो फिर मन रिएक्शन करना लगेगा अबे इधर खुजली हो रहा है थोड़ा कुछ लाना अंदर से खुजली और मैं यहां भजन में बैठा हूं पद्मासन में बैठा बदमाश घंटा घंटा हो गया मोबाइल खोला कि दिखा कि 10 मिनट नहीं हुआ है तुम्हें ले जाएगा मजा में ले जाएगा मस्ती में ले जाएगा अमृत में ले जाएगा तब तो मैं ले जाएगा गोद में ले जाएगा फिर बैठे हो फिर बैठे हो हिलने का क्या मजा है एकाग्र चित्त में परमानंद प्रशांत अवस्था में बैठे हो कोई मतलब नहीं है आंखें खोलने का इच्छा ही नहीं होगा ऐसा करके आंख खोलने का योग निद्रा से भी ज्यादा पर कहीं मिलता है तो ध्यान ध्यान ध्यान ध्यान ध्यान से मिलता है

आइटम बना दिया कि बच्चे बोर ना लगे क्या शिक्षा पद्धति क्या क्या संसार क्या यूट्यूब क्या इंटरनेट क्या टीवी हमें बच्चों को बोर लग ना कभी सुना नहीं बोर लग ना लेकिन बोर लगने लगा क्यों मन को एकाग्र करने नहीं सिखाया सब सिखाया मन को शांत करना नहीं सिखाया सब सिखाया मन को अपना दोस्त बनाना नहीं सिखाया सब्जी खाया मन को कैसे साधे नहीं सिखाया सब सिखाया तो यही बच्चे कल बड़ा होकर ना बाप मारते हैं पीटते हैं ओल्ड एज होम में भेज देते हैं यही बच्चे कल बाबा का एटीएम चुराके पैसा निकाल के आगे गाड़ी पीछे बूढ़ी लेकर घूमते हैं फिर यह बच्चे अभी नहीं रहते हो बच्चे मन के सच्चे नहीं है बेटा क्यों नहीं है क्योंकि हम लोग यह जो लॉर्ड मेकला में किल्ली स्कूल में पढ़ाई गुरुकुल में नहीं पढ़ाई बच्चों को ध्यान के अंदर नहीं उतारे आज उसका परिणाम है सब तुम लोग क्योंकि वह खुद नहीं समझा है तो क्या करें आप खुद ना समझ बनकर बैठा है तो क्या करेगा खुद अशांते अतृप्त है बोर्ड है बोरिंग लाइफ है तो अपने को अंग्रेज लॉर्ड मैकाले तो यही चाहता था कि इनका बच्चों को पढ़ते-पढ़ते एक बार मैट्रिक कर लिया कॉलेज कर लिया प्लस टू प्लस थ्री कर लिया अच्छी-अच्छी पागल बनने की गुड पागल पागल गुलाम मानसिक गुलाम बना रखे गए हैं निकालेगा कौन तो आज जब जिंदगी में साढ़ेसाती हो गया और साढ़ेसाती में क्या होता है मन का नहीं होता है सबका होगा आप जो चाहते वह नहीं होगा बाकी सारा कुछ होगा तो फिर क्या होगा और दुखी और पीड़ित

यहां पर आकर ध्यान में क्या क्या बोल रहा है सब भेज आउट तो क्या-क्या बिंदु बन गया अभी ऑर्थो विनम्रता दूसरा क्या बन गया आसन में सिद्धि हिलना डुलना नहीं काष्टा में उतर रहे हैं इस ध्यान का कोई सारे प्रस्तुतियां हैं बहुत सारे पद्धतियां हैं भिन्न-भिन्न संत पंचम और भिन्न-भिन्न ग्रंथ संत पंत ग्रंथ भिन्न-भिन्न मार्ग बताए हैं बहुत सारे मेडिटेशन का टेक्निक है यह सत्य है परंतु यहां जो आप शुरू कर रहे हो वह कुछ नहीं करना मेडिटेशन है कुछ नहीं सीधा बैठे रहना बस बैठे रहो कुछ मत करो क्या-क्या स्वास स्वास देखना संवेदना को देखना अंदर जाना

भाई मतलब मिसकनसेप्शन डालना नहीं चाहता हूं कंसेप्ट क्लियर हो जाना चाहिए कि मेडिटेशन बोलकर कुछ होता नहीं जैसे आखिरी में तुम पाओगे मैं बोल कर कहीं है नहीं मैं हूं नहीं लेकिन मैं हूं लग रहा है फिर हायर फंडा हो जाएगा उधर नहीं जा रहा हूं मैं मेडिटेशन पर ही आ रहा हूं कोई नहीं है मैं कह रहा हूं कि जैसा है वैसा बैठे रहो बस बैठे रहो बस बैठे रहो अर्ध विनम्रता सर हिले दुले नहीं मन वन भूल जाओ बस बैठे रहो बैठे रहो बैठे हो जो बैठे रहते हैं

बैठो तो अब इतनी शांति मिलता है बैठने से आनंद आता है बैठने से मजा आता है बैठने से मस्ती आता है अरे बैठो तो क्या आता है तो बात का बात है गुड़िया ले आओ ना फिर गुड़िया दे ही देगी फिर देखते रहना यहां ध्यान के अंदर घुस आई नहीं और बाहर बोलते हो कि ध्यान ध्यान क्या क्या कुछ बोलते हो कि खाली बैठे रहो 1000 घंटा देखो जीवन का अगर हर एक समस्या का समाधान नहीं मिल जाए तो बोलना आचार्य संजय एक मूंछ काट के घूमने के लिए तेरे पास पहुंचे लेकिन एक घंटा मिनिमम बैठना है 32 मिनट बैठना है बिना कुछ किए बैठना है बुला यही तो सबसे बड़ा कष्ट यही सबसे बड़ा कष्ट है इसी को पार करना है कुछ करते हुए बैठना जब करते हुए बैठना स्वास को देखते हुए बैठना शरीर के संवेदना को देखते हुए बैठना हो जाएगा क्योंकि मन को एक आधार मिला है और जब मन को कोई आधार नहीं मिलता ना तो और ज्यादा विचलित हो जाता हो जाता है कि करेगा तो क्या बैठे-बैठे करेगा क्या मन को हमेशा कुछ ना कुछ करना पड़ता है नहीं या तो तेरे बिना नहीं रह सकता कुछ चाहिए मसाला कुछ नहीं करके बैठना मेडिटेशन मेडिटेशन है मैं नहीं बोला अभी तक मैं अभी तक यह ध्यान है नहीं बोला संजय होना नाम गीता में आता है श्रीमद्भागवत गीता में

आप अपना चटाई होना चाहिए चटाई होना चाहिए थोड़ा दीदार होना चाहिए पीछे थोड़ा सा गद्दा टाइप कर टाइप दे दो ताकि ऑप्शन पर शरीर हो जाए और बार-बार हिलाना डुलाना नहीं पढ़े या नहीं आप का मेरुदंड थोड़ा सा ऊपर उठकर चला जाए ऊपर उठे बॉडी पर नीचे आ जाए तो फिर आपका जो समस्याएं जिम जिम जिम जिम होना वह कम हो जाएगा नहीं होगा ऐसा नहीं किया एकदम पद्मासन में जब तक धीरे-धीरे पड़ेगा धीरे-धीरे बढ़ेगा बिना हिले दुले हां ठीक है अगर नया बैठे हो प्रारंभिक है थोड़ा शरीर को एलाऊ कर दो मना नहीं है लेकिन लक्ष्य यह है कि पूरा मुकर्रम अक्रू बनकर बैठोगे बैठा बैठा के मुहूर्त टेरिकटन क्राफ्ट गार्डन बिलीवर और इस प्रकार के टाइट वाला वस्त्र पहन ओके तो ध्यान नहीं होगा क्या करते हैं एरोप्लेन को पहले ठुल्लू करते हैं एरोप्लेन का जो कनेक्टिव ओ यार है उसको लाकर पहले अर्थ कर दिया जाता है अगर अर्थ नहीं किया जाएगा तो छोड़ोगे तो करेगा धन-धन आम आदमी गिर भी सकता है मर भी सकता है चौक जाओगे कि भाई इतना करें मेरे अंदर आगरा तो आपका करें समाधि पाद हो गया तुम्हारा

यह धरती का खेल क्या है धरती में आनंद ही आनंद है मजा ही मजा है मस्ती ही मस्ती है एकदम पिकनिक जिंदगी बढ़िया लेकिन फिर हमें दुख क्यों मिलता है ध्यानी है ना यानी है ना योगी है ना यदि है ना खोजिए पंचतंत्र कहानी माला है सुनना राजा का बेटा लोग महामूर्ख है उनको गुरु के पास भेजा जाता है गुरु कहानी सुनाते हैं कहानी कहानी में ज्ञान दे रहे हैं तो बाद में जब राजा के 1 बेटा को पूछा तो जैसा कहानी सुना था कि वहां से तेरा अनुभव करता था बेसिक एबीसीडी कैसे बैठेंगे कितना देर बैठेंगे कैसे करना है कैसे रहना है और ध्यान के लिए कुछ और छोटे-छोटे प्रिंसिपल एक ध्यान करने वालों को जितना ज्यादा प्याज लहसुन मांस मछली अंडा छैला ठंडी में बिहार बचपन में गए तो मेरा ग्रुप बोले कि बेटा सब सिखा देंगे गुरु बना देंगे बशर्ते तुम्हें होटल में नहीं खाना किसी होटल से नहीं खाओगे यह पहला शतक मुझे कोई दान दक्षिणा फ्रिज नहीं चाहिए मेरा भी जितना दे दो कि तुम सब करना होटल में नहीं खाना यह पहला ज्ञान था तुमको बहुत अच्छा बहुत अच्छा

धृतराष्ट्र माने जो दूध माने क्या यहां पर जो जानता है सही क्या है बुरा क्या है जानते हो या रहते हैं यहां पर लेकिन उसी को पता है कि समय का व्यवस्था करना सबसे बड़ा पाप लेकिन समय का पता करते हैं उसे पता है कि यूट्यूब में दूसरे का वीडियो देखने से अच्छा खुद का वीडियो डालो यार हम कहीं दूसरे का देखे हमारा देखो लेकिन वही रहेगा

कुलचंद्र उनके रितिक लोग कभी भी किसी के घर में चावल रोटी बनाया हुआ दूसरे का नहीं सोते नया है नहीं नया है धोया है नहीं तो यार शुद्ध अशुद्ध है साफ है महिला है गंदा है कचरा है 3 दिन पुराना बासी लूंगी धोती पहना हुआ है टंगा हुआ पहना है अशुद्ध अपवित्र से बनाया हुआ है तुम याद रखना बड़े-बड़े होटल देखें दूसरा हुआ नहीं खाना नहीं खाना नहीं खाना अगर तुम्हारी गुरु दीक्षित हैं तभी तुम्हारे गुरु भाई है तभी उनके हाथ से ग्रहण किया है अदर वाइज नहीं इनके लिए सबके लिए नहीं है जो योगी है जो जापक है जो तक है जो फौजी हैं जो आध्यात्मिक तक आना है का त्याग करना और शुद्ध सात्विक आहार ग्रहण करना और आगे चलकर बता दिया गया है कि कोशिश यह करो कि जिस खाद्य में यूरिया फास्फेट ब्राह्मण नाइटी कैंडिडेट गाना सुनती मयखाना कृषि उत्पादकता बन्ना ध्यान करना चाहते हो तो इन को जितना हो सके संभवत पालन करने का कोशिश करना चाहिए तभी ध्यान के अंदर जा सकते हो वरना ऐसे मेडिटेशन सेंटर चलाने वाले घोड़े समाधि करा देंगे ऐसे बड़े गधों को देखा हूं कुछ नहीं होने वाला है हजारों दिन हजार घंटा भी ध्यान कर ले ऐसे ध्यान का कोई मूल्य नहीं है जब तक तुम्हारे शारीरिक मानसिक प्राणिक शुद्धिकरण नहीं हो रहा है और इन सभी शुद्धिकरण से सबसे प्रमुख शुद्धिकरण होता है अन्य का शुद्धिकरण अधिकरण जब तक ऑर्गेनिक नेचुरल प्राकृतिक बिना रासायनिक जहर वाला भोजन नहीं खाते हो और जब तक आध्यात्मिक नहीं पीते हो सामान्य ज्ञान के क्षेत्र में बहुत भयंकर करते हैं इसीलिए निर्माण मिट्टी का घड़ा तांबे का घड़ा लो उसमें रुद्राक्ष डालो थोड़ा-थोड़ा उसके अंदर

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